दुर्ग पुलिस में राजपत्रित अधिकारियों का महत्वपूर्ण पद रिक्त कानून व्यवस्था बनाये रखने की बढ गई है चुनौती अतिरिक्त दबाव झेल रहे हैं मौजूदा पदस्थ अधिकारी

DURG । अति व्हीआईजी जिले में शुमार दुर्ग जिले के पुलिस महकमे में राजपत्रित श्रेणी के अधिकारियों के महत्वपूर्ण पदों के रिक्त रहने से जांच प्रभावित होने के साथ ही कानून व्यवस्था बनाये रखने की चुनौती बढ़ गई है। इसके कारण मौजूदा अधिकारियों पर कार्य का अतिरिक्त दबाव बढ रहा है जिससे उनके मूल कर्तव्य निर्वहन में नकारात्मक असर पडऩा शुरू हो गया है।
इस वक्त दुर्ग जिला पुलिस के कई महत्वपूर्ण पद खाली है। जो इन पदों में पहले पदस्थ थे, उनमें से कुछ सेवानिवृत्त हो गए हैं। वहीं कुछ का स्थानांतकरण हो गया है। सभी पद राजपत्रित अधिकारियों की श्रेणी में होने से इसका असर विभागीय कामकाज और अनुसंधान में होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। फिलहाल एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित 4 उप पुलिस अधीक्षकों का पद दुर्ग जिले में रिक्त है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात का पद फरवरी 2020 से रिक्त है। इस पद पर बलराम हीरवानी पदस्थ थे। वे जनवरी में सेवानिवृत्त हो गए। इसके बाद उनकी जगह पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के किसी दूसरे राजपत्रित अधिकारी की पदस्थापना यातायात विभाग में अब तलक नहीं किया जा सका है। जबकि राजधानी रायपुर के बाद भिलाई-दुर्ग की यातायात व्यवस्था पुलिस के लिए हमेशा से चुनौती भरी रहती आई है। इसी कड़ी में उप पुलिस अधीक्षक अजाक का पद भी नवीन शंकर चौबे के गत महीने सेवानिवृत्त हो जाने के साथ रिक्त हो गया है। यह पुलिस की ऐसी इकाई है जहां जांच के लिए आने वाले विशेष मामलों में सुलझे हुए वरिष्ठ अधिकारी का स्वतंत्र नेतृत्व बेहद जरुरी माना जाता है। फिलहाल डीएसपी मुख्यालय शौकत अली को अजाक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
दुर्ग जिले में चिटफंड क नाम पर फर्जीवाड़े की शिकायतें आये दिन मिलती रही है। इस तरह के मामलों की विवेचना के लिए दुर्ग पुलिस की इकाई गठित की गई है। उप पुलिस अधीक्षक रिचा मिश्रा इस इकाई का प्रभारी थी। लगभग चार माह पहले उनका तबादला हो गया। तभी से उप पुलिस अधीक्षक गैर चिटफंट का पद रिक्त है। इसी तरह की एक इकाई महिला विरुद्ध अपराध अनुसंधान के नाम से बनी हुई है। इस इकाई में उप पुलिस अधीक्षक के दो में से एक पद लगभग साल भर से खाली है। अभी एक पद पर उप पुलिस अधीक्षक दिलीप चंद्राकर पदस्थ है। जबकि साल भर पहले पृथ्वीनाथ दुबे का तबादला हो जाने के बाद उनके स्थान पर नये अधिकारी की पदस्थापना नहीं किया जा सका है।
दुर्ग पुलिस के लिए कुछ माह पहले बालक विरुद्ध अपराध अनुसंधान इकाई गठित करने की स्वीकृति शासन ने दिया है। इस इकाई के लिए उप पुलिस अधीक्षक के नवीन स्वीकृत पद पर भी किसी को पदस्थ नहीं किया जा सका है। जबकि भिलाई-दुर्ग में बालक बालिकाओं के साथ आये दिन अपराध पेश आते रहता है।