सोनिया गांधी के सुझाव से देश की स्थिति ऐसी नहीं होती: कुरैशी

भिलाई । छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मंत्री बदरूदीन कुरैशी ने विगत दिन अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी ने अपने विडियों कान्फेंसिंग के जरिये स्पष्ट कहा था कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए केन्द्र सरकार के पास ठोस कोई कदम नहीं है।
जबकि कोरोना वायरस ऐसी संक्रात्मक महामारी है जिससे दुनिया के देश का हर व्यक्ति भयभ्ीात है। लेकिन केन्द्र में बैठी हुई भारतीय जनता पार्टी की सरकार को हरा हरा सुझ रहा था। इसलिए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहनवाज हुसैन के द्वारा संप्रदायिकता, धर्म, जातिवाद, 5 करोड़ लोगों को खाना खिलाने की बात कह कर देश में वाहवाही लूटने का प्रयास किया है।
जबकि खाने की व्यवस्था केन्द्र सरकार की थी। इस तरह झूठी अफवाह फैला कर गुमराह किया जा रहा है। राहुल गांधी ने जनवरी में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अडडों को बंद करने के लिए कहा था 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को भयंकर महामारी घोषित कर दिया था लेकिन 14 मार्च को भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र की सरकार ने घोषणा किया कि भारत में किसी तरह की मेडिकल ऐमरजेंसी नहीं है लेकिन 4 दिन के बाद देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने स्वयं घोषणा किया कि हमारा देश भी स्वास्थ्य संकट से गुजर रहा है। इस बात को पहले मोदी गंभीरता से ले लिये होते तो आज देश की यह स्थिति नहीं होती। जबकि श्रीमति सोनिया गांधी जी के चितंन देश के 130 करोड़ आम जनता के हर वर्ग हर धर्म जाति के लिए रहती है लॉकडाउन के पहले और बाद में आज तक जितनी भी सुझाव दी है।