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खेल डोम में दिखी रौनक, ‘नेता नेता चाल बदल’ का रहा आकर्षण

राजिम माघी पुन्नी मेला में पारंपरिक खेलों में लोगों का दिख रहा उत्साह

राजिम। त्रिवेणी संगम में इन दिनों राजिम माघी पुन्नी मेला में पारंपरिक खेलों को लेकर लोगों का खास उत्साह बना हुआ है। मेला स्थल पर खेल डोम में रोजाना इन खेलों को देखने वाले व खेलने वालों का हुजूम उमड़ रहा है। रविवार को अवकाश का दिन होने के कारण यहां अत्याधिक भीड़ रही। खेलने वालों के साथ ही इन खेलों को देखने वालों की तादात अधिक लग रही है। इन खेलों में आज का विशेष आकर्षण ‘नेता नेता चाल बदल’ का रहा।

ज्ञातव्य हां कि राजिम माघी पुन्नी मेला में धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू की पहल पर इस बार पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है। रोजाना इन खेलों में बड़ी संख्या में प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। पारंपरिक खेलों के इस आयोजन को लेकर चारों ओर मंत्री साहू की प्रशंसा हो रही है। इसी कड़ी में रविवार को ‘नेता नेता चाल बदल’ खेल ने जहां दर्शक  समूह का भरपूर मनोरंजन किया वहीं अपने नाम के कारण खेल को भीड़ ने भी सराहा। उपस्थित समूह में इस खेल को लेकर काफी उत्सुकता रही।

जाने इस खेल के बारे में

’नेता नेता चाल बदल’ बहुत ही रोमांचक खेल होता है। इस खेल के लिए समूह में खिलाड़ी गोल घेरे में अपने दोनों हाथों से कभी ताली बजाकर तो कभी अपने पैर के उपरी हिस्से व कमर पर थपकिया लगाते हैं। इस क्रिया को इतनी जल्दी बदलना होता है कि कुछ खिलाड़ी इसमें पिछड़ जाते हैं। जिस खिलाड़ी ने सबसे पहले क्रिया बदली उसे ही नेता के रूप में पहचानना होता है। अंत में ताली बजाकर नेता नेता चाल बदल… गीत के माध्यम से खेल का आनंद लेते है।

’बोलो भाई कितने’

आज खेल डोम में आयोजित एक अन्य खेल ‘बोलो भाई कितने’ भी खेला गया। इस खेल को देखने वाले हर सख्स को लगा कि यह तो हम अपने मोहल्ले में खेला करते थे। इस खेल को पर्थरा से पहुंची टीम ने खेला। टीम ने गोल घेरा बनाकर ताली बजाकर गोल-गोल घूमते हुए ‘बोलो भाई कितने’ गीत के माध्यम से प्रश्न किया। फिर दो-चार की जोड़ी बनाने को कहा जाता है, जो उनके कथन अनुसार जोड़ी नहीं बना पाते है, वे खेल से बाहर हो जाते है। इस खेल में दौडऩा, कूदना, भागना एवं ताली बजाना सभी क्रियाएं एक साथ हो रही थी। खेलने वालों के साथ ही देखने वालों को भी जोश आ रहा था। इसके अलावा मंच पर संखली खेल भी खेला गया। इस खेल में दो टीमें आमने-सामने  होती हैं, जिसमें एक टीम एक-दूसरे का हाथ थाम कर सामने वाली टीम को अपने घेरे में लेते हैं। एक निश्चित समय सीमा में दूसरे पक्ष को अपने घेरे में लेकर जीत हासिल करने की प्रतिबद्धता के साथ खिलाड़ी जी-जान से प्रयास करते है।  इस खेल का भी दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। खेल डोम में पूरे समय लोक खेल एसोसिएशन कांदुल के अध्यक्ष चंद्रशेखर चकोर, मिथलेश निशाद, शिव चंद्राकर, घनश्याम वर्मा, यतीरा बंछोर, लीलाराम साहू, मेवा सिंग दीवान, गजेन्द्र वर्मा, परमेश्वर कोसे, जितेन्द्र साहू, शैलेन्द्र वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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