मनरेगा में नरवा विकास के किए जा रहे हैं कार्य

मनरेगा में नरवा विकास के किए जा रहे हैं कार्य
जगदलपुर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत परिवारों की आजिविका को सुरक्षा प्रदान करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारटी अधिनियम 2005 बनाया गया। मनरेगा योजना के तहत सबसे ज्यादा लाभ गांव में रहने वाले लोगों और गरीब मजदूरों को दिया जाता है जिसके तहत इन्हें निश्चित रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के प्रमुख घटकों में से एक नरवा का विकास मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणजन कर रहे हैं। नरवा विकास के तहत आवश्यकतानुसार नालों एवं नहरों में चेक डेम का निर्माण के साथ जल संवर्धन के कार्य किया जा रहा है। जिससे नदी-नालों को पुर्नजीवन करते हुए गिरता भू-जल स्तर में सुधार कर भू-जल रिचार्ज होगा, सिंचाई के साधनों में वृद्धि होगी,खेती कार्यो में आसानी होगी।
ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर लाॅकडाउन की अवधि में और अब अनलाॅक फेस 01 में ग्रामीणों के लिए मनरेगा ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बस्तर जिले के सातों विकासखण्डों में मनरेगा से संबंधित कई कार्य किए जा रहे हैं। विकासखण्ड लोहण्डीगुड़ा में छोटे-छोटे पहाड़ियों की अधिकता होने से यहां नालों की संख्या अधिक है। जिला पंचायत के मार्गदर्षन में जनपद पंचायत लोहण्डीगुड़ा के द्वारा जल सम्वर्धन हेतु चेक डेम,स्टाप डेम, डबरी निर्माण का कार्य किया जा रहा है। साथ ही विकासखण्ड लोहण्डीगुड़ा में तीन हजार 998 मजदूरों के द्वारा व्यक्तिमूलक डबरी, कुँआ, भूमि सुधार, मेढ़ बंधान,तालाब निर्माण, पशु शेड निर्माण, गौठान निर्माण, चारागाह निर्माण, शासकीय भूमि पे वृक्षारोपण कार्य, व्यक्तिमूलक फलदार वृक्षारोपण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, हितग्राही के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, महिला समूह के माध्यम से नर्सरी में पौध निर्माण, शासकीय नर्सरी में पौध निर्माण, सिंचाई नाली निर्माण, गांव से पानी निकालने हेतु नाली निर्माण,बोल्डर डेम, चेक डेम, गेबियन निर्माण, महिला समूह के माध्यम से नर्सरी में पौध निर्माण, शासकीय नर्सरी में पौध निर्माण, सिंचाई नाली निर्माण, गांव से पानी निकालने हेतु नाली निर्माण, बोल्डर डेम, चेक डेम, गेबियन निर्माण, महिला समूह के लिए वर्क शेड इत्यादि कार्य किया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा लाॅकडाउन के अवधि में विभिन्न राज्यों और जिलों से वापस आए मजदूरों को आजीविका संवर्धन के लिए उनका स्कील मैपिंग कराकर आवश्यकतानुसार श्रम विभाग, एनआरएलएम और स्कील डेव्लेपमेंट मिशन से प्रशिक्षण कराकर, मनरेगा के अतिरिक्त अन्य रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के संबंध में भी आवष्यक कार्रवाई किया जा रहा है।
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