छत्तीसगढ़

केंद्र ने दिए निर्देश, किसी भी कागज पर धुंधला न दिखे भारत का राजकीय प्रतीक अशोक स्तंभ

सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ रायपुर- किसी भी राष्ट्र के झंडें और प्रतीक में उसका गौरव बसता है। इससे देशवासियों की भावनाएं जुड़ी रहती हैं। ऐसे में भला उसकी छाप किसी भी तरह से फीकी क्यों दिखे? इसके लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर कहा है कि राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) की मुहर की छाप धुंधली नहीं होनी चाहिए। रबड़ स्टैंप हमेशा उभारदार और स्याही गाढ़ी रहे।

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग न्यायालय से लेकर कई तरह के सरकारी दस्तावेजों में किया जाता है। कुछ कागजों पर तो यह पहले से प्रिटेंड रहता है, लेकिन कई पत्रों पर विशेष रूप से नोटरी, राजस्व कोर्ट और पंजीयन कार्यालयों में रबर स्टैंप के रूप में भी इसका उपयोग होता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को पत्र भेजकर आगाह किया है। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि राजकीय प्रतीक की मुहर खराब होने से पहले बदल दी जाए, ताकि कागजों पर उसकी छाप स्पष्ट और सटीक आए। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी सरकारी कार्यालयों को इसके आधार पर पत्र जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।

सारनाथ से लिया गया है चिन्ह

अशोक चिन्ह भारत का राजकीय प्रतीक है। इसको सारनाथ में मिली अशोक लॉट से लिया गया है। मूल रूप इसमें चार शेर हैं जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं। इसके नीचे एक गोल आधार है जिस पर एक हाथी के एक दौड़ता घोड़ा, एक सांड़ और एक सिंह बने हैं। यह गोलाकार आधार खिले हुए उल्टे लटके कमल के रूप में है। हर पशु के बीच में एक धर्म चक्र बना हुआ है। प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में अंकित है। सत्यमेव जयते शब्द मुंडकोपनिषद से लिए गए है।

 

 

 

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