छत्तीसगढ़ सरकार देसी शराब दुकानों को निजी हाथों में सौंपने की गुपचुप तैयारी कर रही
सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार देसी शराब दुकानों को निजी हाथों में सौंपने की गुपचुप तैयारी कर रही है। प्रदेश में कुल 703 शराब दुकानें हैं जिनमें से लगभग आधी यानी 366 दुकानें देसी शराब की हैं।
पिछले वित्तीय वर्ष 2018 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव करते हुए सभी शराब दुकानों का संचालन अपने हाथ में ले लिया था।
सरकार का तर्क था कि इससे अवैध शराब पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। अब नई सरकार एक बार फिर देसी शराब का टेंडर करने जा रही है। सूत्र बता रहे हैं कि इसकी तैयारी हो चुकी है और जल्द ही निविदा आमंत्रित की जा सकती है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने इस बारे में पूछने पर कहा-अभी कुछ नहीं बोल सकता। हालांकि विभाग में उनके अधीनस्थों ने खबर की पुष्टि की है।
सरकार पर शराबबंदी का बढ़ रहा दबाव
प्रदेश में कांग्रेस शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आई है। शराब के खिलाफ मोर्चा खोले संगठन लगातार शराबबंदी की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लग रहा है। ऐसे में देसी दुकानों को निजी हाथों में सौंपकर वापस पुरानी आबकारी नीति पर लौटने के सरकार के प्रयासों का जमकर विरोध होना संभावित है। लोकसभा चुनाव के दौरान यह राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।
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