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*सरदा में स्टील प्लांट की स्थापना के लिए जनसुनवाई हुआ ज़बरदस्त विरोध किसानो ने उग्र आंदोलन किया तीन घंटा चक्का जाम*

*(किसान नेता योगेश तिवारी के नेतृत्व में क्षेत्र के हज़ारों किसान पहुँचे)*

 

बेमेतरा:- विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सरदा में स्टील प्लांट की स्थापना के लिए आज बुलाई गई जनसुनवाई का क्षेत्र के किसान पुरजोर विरोध दर्ज किये हैं। इस सम्बंध में किसान नेता योगेश तिवारी ने जनसुनवाई अध्यछ को कहाँ कि किसानों के विरोध के बाऊजुद जनसुनवाई कराने का किया मतलब है यहाँ उपस्थीत हर आदमी प्लान्ट , के विरोध में आये है एक व्यक्ति भी पछ में नहीं है।हम चाहते हैं बेमेतरा कृषि प्रधान ज़िला है छतीसगढ में एक ही ज़िला है जहां अभि तक एक भी प्लांट स्थापित नहीं हुआ आप लोग यहाँ की शुद्ध वातावरण को क्यों दुषीत करना चाहते है। अंग आप चाहते है यहाँ प्लांट लगाना है तो शक्कर कारख़ाना लगायें फुड प्रोशेशिग प्लांट लगाये मगर प्रदूषण वाले प्लांट नहीं लगने देंगे चाहे जेल जाना पड़े चाहे खुन बहाना पडे हम प्रदूषण वाले प्लांट नहीं खुलने देंगे। आसपास के सैकड़ों गाँव के किसानों को प्लांट के खोलने का विरोध किया किसी भी व्यक्ति ने प्लांट खोलने के विरोध दर्ज किये ।किसान नेता के अनुसार क्षेत्र के किसान आज के जनसुनवाई को स्थगित करने के साथ गांव में स्टील प्लांट की स्थापना नही होने की मांग कर रहे थे लेकिन जिला प्रशासन अड़ियल रवैया अपनाए हुए है।प्लांट विरोध गौरतलब हो का बुलाई गई जनसुनवाई। में आज लगभग में लगभग सभी लोगों ने एक स्वर में विरोध किया।

*बेमतरा के कई गांवो में प्लांट स्थापना की तैयारी*

किसान नेता ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव के दौरान क्षेत्र में कृषि आधारित फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट स्थापना का वादा किया था, वर्तमान में बेमेतरा विधानसभा के किसानों की मांग को तवज्जो ना देकर, राज्य सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुचा रही है। सरदा में स्टील प्लांट के लिए राज्य सरकार का उद्योपतियों से एमओयू किया जाना, क्षेत्र की जनता के साथ धोखा है। सरदा के अलावा बेरला के कई गांवो में प्लांट स्थापना की तैयारी की जा रही है। ऐसी स्थिति में कृषि को काफी नुकसान पहुचेगा। क्योकि जहां भी उद्योगों की स्थापना हुई है, वहां कृषि पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। किसानों को अपनी जमीन छोड़नी पड़ी है, यहां राज्य सरकार किसानों के हितों को दरकिनार कर रही आने वाले चुनाव में ईसका भुगतान भुगतना पड़ेगा। इसलिए बेमतरा में जहां भी जनसुनवाई का पुरजोर विरोध किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

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