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मौसम वैज्ञानिक का दावा- लॉकडाउन में घटे प्रदूषण ने बढ़ाई गर्मी…| Meteorologist claims – reduced pollution in lockdown increases heat, breaks 32-year record … | kanpur – News in Hindi

मौसम वैज्ञानिक का दावा- लॉकडाउन में घटे प्रदूषण ने बढ़ाई गर्मी...

लगातार बढ़ रहा है तापमान

मौसम वैज्ञानिक (Meteorologist) लाॅकडाउन (Lockdown) के दौरान प्रदूषण कम होने को भी तापमान बढ़ने की बड़ी वजह मान रहे हैं. कानपुर में बढ़ते पारे से अब तक कई लोग जान भी गंवा चुके हैं और अभी तापमान उतार-चढ़ाव दिखते रहेंगे.

कानपुर. शहर के तापमान में पिछले पांच दिनों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं. अगर बुजुर्गों की माने तो नौतपा चल रहा है, जो अभी और 3 दिन तक बरकरार रहेगा. कोरोना संकट (Corona Crisis) से जूझ रहे लोगों की परेशानी बढ़ती गर्मी ने और बढ़ा दी है. हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) के मरीज भी इस दौरान बढ़ रहे हैं. पिछले 5 दिनों में ही 3 लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के पास हीट स्ट्रोक से मरने वालों के आंकड़े भी नहीं हैं लेकिन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे अज्ञात शव गर्मी के कहर को बयां कर रहे हैं.

31 मई के बाद बूंदाबांदी के आसार
अगर मौसम वैज्ञानिकों की माने तो तापमान अभी 47 डिग्री तक पहुंच सकता है, फिलहाल 45 डिग्री तक पहुंचा तापमान घटकर 36 पर आ चुका है और अभी 72 घंटे तक मौसम में ऐसे ही उतार-चढ़ाव देखने को मिलते रहेंगे. उसके बाद मौसम में फिर बदलाव देखने को मिलेगा. मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर नौशाद खान ने बताया कि मौसम में अभी फिलहाल इसी प्रकार के बदलाव देखने को मिलेंगे. 24 मई 1988 में 45 से 47 डिग्री के बीच तापमान पहुंचा था जो सिर्फ 3 दिन तक चला. मगर इस बार 24 से लेकर 28 मई तक तापमान 44 को कई बार पार कर चुका है और अभी 30 तारीख तक मौसम में उतार-चढ़ाव होता रहेगा. हालांकि 30 तारीख के बाद हल्की बूंदाबांदी के आसार हैं और 31 तारीख को बारिश 10 मिलीमीटर तक हो सकती है.

मौसम वैज्ञानिक (Meteorologist) मौसम में हुए इस बदलाव और तेज तापमान की सबसे बड़ी वजह लॉकडाउन को मान रहे हैं. डॉक्टर नौशाद खान ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जहां सारे उद्योग धन्धे बन्द थे तो वहीं वाहन भी ना के बराबर चल रहे थे जिससे प्रदूषण की मात्रा बहुत कम थी. आम दिनों में उद्योगों से निकलने वाला धुआं और गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण के पार्टिकल्स ऊपर जाकर सोलर रेडिएशन में मिल जाते हैं जिसके कारण गर्मी का प्रभाव कम दिखता है. इस समय क्योंकि प्रदूषण की मात्रा कम थी और सोलर रेडिएशन से इसका इंटरेक्शन नहीं हुआ इसलिए सोलर रेडिएशन सीधे धरती पर पड़ा जिससे तापमान में बढ़ोत्तरी हुई है.ये भी पढ़ें- COVID-19: होम क्वारंटाइन के उल्लंघन की शिकायत पर बीडीओ के साथ एसडीएम सदर पहुंची गांव, फिर….

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First published: May 29, 2020, 12:39 AM IST



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