प्रशासन ने कहा क्वारंटीन केंद्रों में सुविधा का रखा जा रहा पूरा ख्याल, हो रही है लगातार मानिटरिंग
DURG। प्रवासी श्रमिकों के लिए जिले में 289 क्वारंटीन सेंटर बनाये गए हैं। यहां लगभग तीन हजार श्रमिक फिलहाल निवासरत हैं। इन श्रमिकों को क्वारंटीन केंद्रों में सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही इनके स्वास्थ्य जांच भी समय-समय पर कराई जा रही है। पाटन ब्लाक में 112 क्वारंटीन केंद्र, धमधा ब्लाक में 119 क्वारंटीन केंद्र तथा दुर्ग ब्लाक में 58 क्वारंटीन केंद्र बनाये गए हैं। सबसे ज्यादा ग्रामीण धमधा के क्वारंटीन केंद्रों में रह रहे हैं। यहां फिलहाल दो हजार लोग क्वारंटीन किए गए हैं। पाटन ब्लाक में लगभग पांच सौ तथा दुर्ग ब्लाक में सात सौ लोग विभिन्न ग्राम स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय केंद्रों में क्वारंटीन किए गए हैं।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से लाए जा रहे श्रमिकों के भोजन एवं केंद्र तक पहुंचाने उपलब्ध कराई गई विशेष व्यवस्था
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में श्रमिकों को भोजन पहुंचाने एवं उन्हें केंद्र तक पहुंचाने विशेष बसों की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है। यहां चार स्वास्थ्य दल लगाए गए हैं जो गाडिय़ों के उतरते ही नागरिकों के मौके पर ही स्वास्थ्य जांच कर रहे हैं। इसके बाद नाश्ता कराके, लंच पैकेट के साथ ही प्रवासी श्रमिकों को क्वारंटीन केंद्रों में भेजा जाता है। यहां की मानिटरिंग एवं सुविधाओं को सुनिश्चित करने अमला लगाया गया है।
हर ब्लाक में अलग तरह का नवाचार-
क्वारंटीन के दिनों का किस प्रकार उचित तरीके से उपयोग किया जा सके। इसके लिए हर क्वारंटीन केंद्रों में अलग तरह का नवाचार किया गया है। कहीं लोगों का मन लगाए रखने इंडोर गेम्स जैसे लूडो, सांप सीढी आदि की व्यवस्था की गई है तो कहीं लोगों को साक्षर बनाने की कवायद की जा रही है। निरक्षरों को साक्षर बनाने विशेष अभियान धमधा में चलाया जा रहा है। यहां पर हर क्वारंटीन केंद्र में निरक्षर लोगों को चिन्हांकित किया जा रहा है।
मानिटरिंग के लिए विशेष व्यवस्था
हर क्वारंटीन केंद्र में स्थानीय दलों की नियुक्ति के साथ ही मानिटरिंग के लिए विशेष दस्ते लगाए गए हैं। हर दस गांव का एक क्लस्टर बनाया गया है जहां के नोडल अधिकारी सभी क्वारंटीन केंद्रों का निरीक्षण करते हैं। इसके साथ ही सभी ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को भी विशेष रूप से मानिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं। क्वारंटीन केंद्रों के हर दिन की स्थिति की जानकारी रिपोर्ट भेजी जाती है। जहां किसी तरह की असुविधा हो रही हो, उसे फीडबैक लेकर तुरंत ठीक किया जाता है।