टॉप वर्थ कंपनी के मुख्य द्वार पर श्रमिकों ने किया जमकर प्रदर्शन
फरवरी माह से कंपनी द्वारा वेतन नही दिये जाने से आक्रोशित है कर्मचारी
BHILAI । रसमड़ा स्थित टॉप वर्थ कम्पनी के मुख्य द्वार पर मंगलवार को हजारों श्रमिकों ने जमकर हंगामा किया। इनका आरोप है कि कम्पनी प्रबंधन ने मार्च में लॉकडाउन के समय प्लांट बंद किया और फरवरी माह से किसी श्रमिक को वेतन भुगतान नहीं किया। कटौती के बावजूद इनके पीएफ के रूपये जमा नहीं किए गए हैं। अब तक प्लांट बंद रखने और पुराना भुगतान न दिए जाने की वजह से श्रमिकों को भारी आर्थिक दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। आज सुबह श्रमिकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री, गृह मंत्री तथा कलेक्टर को ज्ञापन सौंप जल्द उन्हें राहत दिलाने की गुहार लगाते हुए 1 जून को पुन: प्रदर्शन की चेतावनी दी है। श्रमिकों का आरोप है कि बकाया वेतन का लगभग डेढ़ करोड़ रूपया मैनेजमेंट नहीं दे रहा और न ही प्लांट शुरू किया जा रहा है।
ज्ञातव्य हो कि पिछले वित्तीय वर्ष में टॉप वर्थ का काफी बकाया होने की वजह से एक बड़े हिस्से को बैंक द्वारा सील कर दिया गया था। इसके बाद प्रबंधन ने पूरी चतुराई से काम करते हुए कम्पनी कैम्पस में ही स्पार्टक्स नाम से गुपचुप तरीके से कार्य चालू रखा। तीन महीने पहले अचानक कैम्पस में जब सीजीएसटी का छापा पड़ा तो स्पार्टक्स का पूरा काम पकड़ में आया था। कम्पनी के एकाउंट हेड गुंजन पोद्दार से टीम ने समस्त दस्तावेज जब्त किए और अग्रिम कार्रवाई लंबित है।
श्रमिकों का नेतृत्व कर रहे कमलेश्वर वर्मा, तेजस्वी सिंह, हरीश राव, रामदास बोपचे, रंजीत सिंह, राकेश गुप्ता, अरुण सिंह, मनोज यादव, जीवन वर्मा ने छत्तीसगढ़ को बताया कि टॉप वर्थ स्टील एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड और स्पार्टक्स कंपनी के नाम पर काम लेकर
मैनेजमेंट ने लगभग ढाई हजार कर्मचारियों के साथ छल किया है। काम कराने के बाद फरवरी महीने से आज तक का वेतन उन्हें नहीं मिला है। माह जनवरी से रकम की कटौती पश्चात भी पीएफ की राशि जमा नहीं की गयी। वेतन मांगने पर प्रबंधन सीधे तौर पर कह रहा कि स्पार्टक्स का काम पकड़े जाने से सारी कमाई बैठक को चली जाएगी , ऐसे में कोई भुगतान वो नहीं करेंगे। कंपनी को जल्द से जल्द चालू कराने और बकाया भुगतान की मांग को लेकर कल दिन भर टापवर्थ के हजारों श्रमिकों ने कंपनी के मुख्य द्वार पर जमकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी श्रमिकों ने बताया कि टॉप वर्थ स्टील एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कार्यरत वे सभी नियमित कर्मचारी हैं, जो लगभग 15 वर्षों से कंपनी में कार्य कर रहे हैं। कंपनी प्रबंधन द्वारा उनसे कार्य करवा लेने के बाद वित्तीय अनियमितता बरतते हुए कभी भी समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया गया। वर्तमान परिवेश में भी उनके द्वारा कंपनी में 23 मार्च 2020 तक पूरा कार्य किया गया तथा प्रबंधन द्वारा निर्देशित करने पर अन्य आवश्यक सभी कार्य श्रमिकों ने पूरे किए। प्रबंधन ने माह फरवरी से आज तक का कोई भी वेतन कर्मचारियों को नहीं दिया है। कंपनी को 23 मार्च से बंद रखा गया है तथा शासन द्वारा आदेशित किए जाने पर रसमड़ा के सभी अन्य प्लांट एवं कंपनी में काम चालू किया जा चुका है लेकिन टॉप वर्थ अभी भी कर्मचारियों का न तो बकाया वेतन दे पाई है और न ही पुन: प्लांट में काम चालू करवाया है। श्रमिकों ने बताया कि 22 मई को 200 से 300 कर्मचारी प्लांट में उपस्थित हुए वहां उनकी कार्मिक एवं प्रशासनिक प्रशासनिक अधिकारी कमलेश पवार से चर्चा हुई। श्री पवार ने आईआरपी अधिकारी दुष्यंत दवे एवं प्लांट हेड जय थॉमस व गुंजन पोद्दार से बातचीत कर कंपनी कब चालू करेंगे एवं पूर्व बकाया वेतन कर्मचारियों को कब दिया जाएगा, इस संबंध में जानकारी मांगी तो कंपनी प्रबंधन ने कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया जिससे कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ा और वे उग्र आंदोलन की रणनीति बनाने विवश हैं। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि कटौति के बावजूद राशि पीएफ ऑफिस रायपुर में जमा नहीं करवाई गई है। कंपनी के कारखाना प्रबंधक जय थॉमस से जानकारी लेने पर उनके द्वारा कर्मचारियों से अपमानजनक दुर्व्यवहार किया गया। वर्तमान परिस्थिति में सभी कर्मचारी बेहद आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। श्रमिकों ने आज बकाया भुगतान और काम प्रारंभ कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कलेक्टर, लेबर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है।प्रदर्शनकारी श्रमिकों ने बताया कि चार दिन में शासन प्रशासन कोई पहल नहीं करता तो भुखमरी के हालात से जूझ रहे श्रमिक 1 जून को कंपनी के मुख्य द्वार पर हड़ताल करने विवश होंगे।