एक्सप्लेनर : क्या हैं कोरोना डिसइन्फेक्शन टनल और कितने सेफ हैं | Know What Are Disinfection Tunnels And Are They Safe | knowledge – News in Hindi
कौन सा कीटाणुनाशक है इन टनल्स में?
तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, उत्तर पूर्व के राज्यों समेत कई जगह इस्तेमाल में आ चुके डिसइन्फेक्शन टनल कृषि बाज़ारों और पुलिस थानों के अलावा कुछ और सार्वजनिक जगहों पर लगे हैं. इन टनल्स से जब आप गुज़रते हैं तो एक स्प्रे यानी एक फुहार के ज़रिये आपके शरीर पर सोडियम हाइपोक्लोराइट गिरता है. यह कीटाणुनाशक है, जो कई तरह के विषाणुओं से भी निजात दिलाता है, ऐसे दावे हैं. ज़रा ठीक से समझें कि क्या है ये कीटाणुनाशक.
स्वीमिंग पूल सफाई में इस्तेमाल होने वाला घोलयह एक कमर्शियल केमिकल है, जो ब्लीचिंग और क्लीनिंग घोल के तौर पर इस्तेमाल होता है. ज़्यादातर इसका इस्तेमाल वेस्ट वॉटर प्यूरिफिकेशल सिस्टमों और स्वीमिंग पूल के पानी की सफाई के लिए होता है. 0.5% w/v की मात्रा में इसे डाकिन घोल कहा जाता है जो एंटीसेप्टिक के तौर पर ज़ख्म धोने के काम आता है. भारत के राज्यों में जहां इस घोल का इस्तेमाल हो रहा है, वहां इसके 1 से 5% w/v की मात्रा तक के इस्तेमाल की खबरें रहीं.
क्या कीमती हैं ये टनल्स?
ये डिसइन्फेक्शन टनल्स कई आकारों और कीमतों में उपलब्ध हो सकती हैं. इसकी बेसिक कीमत 10 हज़ार रुपये से शुरू होती है और ट्रैफिक लाइट, कन्वेयर बेल्ट, कई सेंसरों के साथ बने हाई एंड क्रोम टनल 25 लाख रुपये तक की भी है. आउटलुक की रिपोर्ट की मानें तो महाराष्ट्र के भुसावल के रेलवे लोको शेड में लगे टनल की कीमत 10 हज़ार रुपये की है. यह टनल 500 लीटर के टैंक की क्षमता का है जो 15 घंटे नॉनस्टॉप स्प्रे कर सकता है.
दिल्ली की आज़ादपुर मंडी में डिसइन्फेक्शन टनल. फाइल फोटो.
क्या कोविड 19 वायरस पर है असरदार?
इन टनल्स को लेकर संशय की स्थिति लगातार बनी हुई है. हिंदू की रिपोर्ट में उल्लेख है कि मेडिकल रिसर्च के संस्थान पीजीआईएमईआर के कोविड 19 बचाव विभाग के प्रमुख डॉ जेएस ठाकुर ने साफ कहा था कि ये विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साफ माना कि ये कीटाणुनाशक सतहों की सफाई के लिए हैं, मानव शरीर की सफाई के लिए नहीं. बल्कि इससे लोगों को नुकसान हो सकता है.
डॉ. ठाकुर ने ये भी कहा था कि जो ताज़ा अपडेट हैं, उनके मुताबिक वो कोविड 19 पर नियंत्रण के लिए डिसइन्फेक्शन टनल्स की सिफारिश नहीं करते. इसके अलावा, पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने 13 अप्रैल को दिशानिर्देश जारी कर ऐसे टनल्स का इस्तेमाल न करने की बात कही थी.
वायरस नष्ट नहीं करता स्प्रे
आपके कपड़ों या शरीर पर अगर वायरस मौजूद है, तो इन टनल्स के स्प्रे से वह खत्म हो जाएगा, ऐसा नहीं है. डायवर्सी ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस है तो वह शरीर पर पड़ रहे स्प्रे से खत्म नहीं होगा क्योंकि वायरस अंदर है. वायरस थूक, लार में ज़रूर रहेगा और इस कीटाणुनाशक से उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
टनल के साइड इफेक्ट्स
स्प्रे के कारण सांस की तकलीफ, आंखों या त्वचा में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें हो सकती हैं. यही नहीं, फेफड़ों के उतक को नुकसान पहुंचाकर सांस की गंभीर समस्या का कारण भी बन सकता है. दूसरे शब्दों में आप कह सकते हैं कि इन टनल्स से गुज़रकर साइड इफेक्ट्स के कारण किसी स्वस्थ व्यक्ति में वो लक्षण दिख सकते हैं, जो कोविड 19 संक्रमित में नज़र आते हैं.
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