छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को सहेजना ही हमारा कर्तव्य – राजेंद्र साहू
गनियारी महोत्सव में 10 जिला के कलाकार हुए शामिल
दुर्ग। गुरु घासीदास कला एवं साहित्य विकास समिति तथा संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित गनियारी लोककला महोत्सव के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि मैं गनियारी गांव की इस माटी को प्रणाम करता हूं। जहां पद्म विभूषण डॉ. तीजन बाई जैसे कलाकार निवासरत है। ऐसा वृहद आयोजन लगातार 10 वर्षो करना बहुत कठिन काम है, लेकिन निर्मल कोसरे एवं उनके साथियों ने छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल के राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को आमंत्रित कर अनूठा पहल किया है जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं ? मेरा सौभाग्य है कि ऐसे आयोजन में आज उपस्थित हूं। मैंने भी एक कलाकार के रूप में कलाकारों का जीवन काफी करीब से देखा है। इस मंच मे लुप्त विधाओं को देख कर मैं काफी गदगद हूं। अध्यक्षता कर रही सुश्री अमृता बारले ने कहा कि इस मंच से प्रदेश के सैकड़ों कलाकारों को पहचान मिला है। यहॉ की माटी को नमन करती हूॅ। विशिष्ट अतिथि डॉ.आर.एस.बारले,के.के. खेलवार ने भी अपने विचार रखे। प्रथम दिवस पंडित सुखराम जांगड़े बाराडेरा द्वारा सतनाम भजन,जय राधाकृष्णन राव नाच मंडली खजरी ,जय मां शारदा जस परिवार माटेकटा द्वारा जस गीत,उपकार पंथी नृत्य दल कुटेश्वर, एकता फाग मंडली बकली धमतरी द्वारा मथुरा की होली गीत, हेमलाल निर्मोही द्वारा खड़े साज एवं भूपेंद्र साहू द्वारा निर्देशित रंगसरोवर ने रात भर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महामंत्री राजेंद्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को सहेजना हम सबका कर्तव्य है। यहां के कला संस्कृति की धूम ना केवल छत्तीसगढ़ में अपितु पूरे देश के साथ-साथ विदेशों में भी हैं । अध्यक्षता करते हुए जिला कांग्रेस कमिटी दुर्ग ग्रामीण के अध्यक्ष श्रीमती तुलसी साहू ने कहा की छोटे से गांव में ऐसा आयोजन करना बहुत ही सराहनीय प्रयास है। जिसे गांव में छुपे हुए कला को मंच मिलता है जिसका साक्षात उदाहरण इस गांव की बेटी पद्मभूषण डॉ तीजन बाई हैं। विशिष्ट अतिथि संतोष तिवारी नेता प्रतिपक्ष भिलाई चरोदा ,जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री सुजीत बघेल, ब्लॉक अध्यक्ष मनोज मढरिया ने भी कार्यक्रम की सराहना की। द्वितीय दिवस मां विद्या दायिनी भजन मंडली चारामा, जय छत्तीसगढ़ बालक रामधुनी मंडली देवरी धमतरी,मितानी करमा दल कवर्धा, शांति बाई चेलक पंडवानी, सतनाम संदेश पंथी दल बोरिया जिला बेमेतरा, आदिवासी गंवर नृत्य उत्तर बस्तर ,माटी के सिंदूर छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी हुच्चेटोला और संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से डॉ.नत्थू तोडे एवं डॉ.दीपशिखा पटेल के नेतृत्व में सरगुजिया नृत्य,ककसार नृत्य, शैला रीलो, बस्तर करमा,जवांरा गीत एवं रात्रि में गरिमा स्वर्णा दिवाकर की रंगारंग लोकसंगीत की प्रस्तुति ने रात भर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर लोक कलाकार थान सिंह पटेल प्रकाश पटेल तुकाराम साहू भूपेंद्र चाणक्य समाजसेवी बीएल कुर्रे धर्मेंद्र भारती एसआर बांधे डॉक्टर से बीएस बंजारे आरसीएस लहरा शांति लाल मिर्ची धर्मेंद्र सोनी आदि का सम्मान किया गया। कार्यक्रम संचालन एवं आभार समिति के अध्यक्ष निर्मल कोसरे ने किया। महोत्सव में मनीष बंछोर,पार्षद मोहन साहू, नरेंद्र वर्मा ,पप्पू चंद्राकर,राजेश बघेल, बालमुकुंद वर्मा ,धर्मेंद्र कोसरे, राज कुमार गायकवाड, गौटी लाल बंजारे, छत्तर सिंह बंजारे, गौरी बंजारे ,हेमंत कोसरे, कमल सिंह गेन्डरे, राजू लहरें ,डोमन लहरें ,सुरेश टंडन, मंगूलाल बंजारे, नरेंद्र डाहरे, टोमन जोशी, गैदलाल कोसरे, आकाश चंडन, मूलचंद टंडन, रोहित कोसरे,सोनू बंजारे, मिलऊ कोसरे, सुनील वर्मा, चैत रिगरी, विजली रिगरी, नारायण ठाकुर ,कामता साहू, गोपाल वर्मा ,रेवा ठाकुर, हरि ठाकुर,मोहन पटेल, नंदू सेन, गणेश यादव सहित हजारों लोग उपस्थित थे।