पहली बार विश्वविद्यालय की परीक्षा केंद्रों में स्कूलों केे शिक्षाकर्मी होंगे वीक्षक
भिलाई। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा में इस साल 1 लाख 43 हजार विद्यार्थी शामिल होंगे। पिछले साल की तुलना में अब की बार करीब 15 हजार विद्यार्थी बढ़ गए हैं। पिछले साल मुख्य परीक्षा में 1 लाख 27 हजार छात्रों ने परीक्षा दी। विवि को स्वाध्यायी विद्यार्थियों के आवेदन में 7 फीसदी की बढ़ोतरी मिली है। संभाग में चुनिंदा कॉलेजों को ही परीक्षा केंद्र बनाया गया है। जल्द ही विवि परीक्षा के लिए केंद्रों से बैठक व्यवस्था को लेकर जानकारी जुटाएगा। विवि से संबद्ध दूरस्थ केंद्रों में छात्र संख्या अधिक होने पर समीप की शासकीय शाला को भी परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। इस संबंध में जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारियों से चर्चा होगी। हमारे परीक्षा केंद्रों में नियमित प्रोफेसरों की संख्या कम है। तीन पालियों में होने वाली परीक्षाओं के लिए एक कक्ष में दो वीक्षक चाहिए होते हैं। इस लिहाज कॉलेज के पास जितने नियमित प्रोफेसर्स हैं, उनसे व्यवस्था बनाए रखना मुश्किलों भरा है। इसी तरह लंबे समय से प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हो पाना भी शिक्षाकर्मी को बागडोर संभालने देने का एक कारण बनता है। मुख्य परीक्षा में वीक्षक की जिम्मेदारी सरकारी स्कूलों के शिक्षाकर्मियों को भी मिलेगी। विवि ने अभी परीक्षा केंद्रों के लिए छात्र संख्या का आवंटन नहीं किया है, लेकिन बताया जाता है कि छात्रों की संख्या मिलते ही कॉलेज स्कूलों से संपर्क करेंगे। पूर्व वर्ष की तरह विवि संभाग के डीईओ से पत्राचार कर वीक्षक उपलब्ध कराने कहेगा। विवि की मुख्य परीक्षा में पर्यवेक्षकों व वीक्षकों की कमी की वजह से यह स्थिति बनती है। हालांकि ऐसा हाल शा. के साथ निजी कॉलेजों में भी देखने को मिलता है। विवि की परीक्षा में वीक्षक के तौर पर तीन घंटे की परीक्षा के लिए 75 रुपए दिए जाते हैं। यह नियम काफी सालों से चला आ रहा है। विवि के मुताबिक वीक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातकोत्तर मांगी जाती है। हालांकि कई कॉलेजों में यह नियम पूरी तरह से पालन में नहीं लिया जाता। सरकारी स्कूलों के शिक्षक नहीं मिलने पर कॉलेज निजी स्कूलों की ओर देखते हैं। कुलसचिव हेमचंद विवि डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि अभी केंद्रों को मुख्य परीक्षा के लिए छात्र संख्या आवंटित नहीं हुई है। जल्द ही कॉलेजों से बैठक व्यवस्था का विवरण लिया जाएगा। वीक्षकों के लिए व्यवस्था करने जिला शिक्षा अधिकारी से भी चर्चा की जाएगी।