छत्तीसगढ़

कोटा में भी दिखे सुहागिन महिला अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए पूजा करते वट सावित्रि अमावस्या

 

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

बिलासपुर -के कोटा में भी दिखे सुहागिन महिला अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए पूजा करते वट सावित्रि अमावस्या व्रत 22 मई 

कान्हा शास्त्री जी ने बताया 
वट सावित्रि व्रत का महत्व
जैसा कि इस व्रत के नाम और कथा से ही ज्ञात होता है कि यह पर्व हर परिस्थिति में अपने जीवनसाथी का साथ देने का संदेश देता है। इससे ज्ञात होता है कि पतिव्रता स्त्री में इतनी ताकत होती है कि वह यमराज से भी अपने पति के प्राण वापस ला सकती है। वहीं सास-ससुर की सेवा और पत्नी धर्म की सीख भी इस पर्व से मिलती है। मान्यता है कि इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य और उन्नति और संतान प्राप्ति के लिये यह व्रत रखती हैं।

 

भारतीय पञ्चाङ्ग अनुसार वट सावित्री अमावस्या की पूजा और व्रत इस वर्ष 22 मई को मनाया जाएगा।

 

 

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