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Lockdown: देवबंद-बरेली के उलेमा बोले-ईद के दिन मस्जिद में नहीं जा पाएं तो घर पर पढ़ें यह नमाज़ -big statement of darul uloom deoband and bareilly shareef on namaz of eid during lockdown dlnh | delhi-ncr – News in Hindi

Lockdown: देवबंद-बरेली के उलेमा बोले-ईद के दिन मस्जिद में नहीं जा पाएं तो घर पर पढ़ें यह नमाज़

(प्रतीकात्मक फोटो)

इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) ने ईद की नमाज़ (Namaz) पढ़े जाने से जुड़ी एक याचिका को यह कहकर वापस कर दिया कि पहले सूबे के सीएम के पास जाइए, फिर कोर्ट में आइएगा.

नई दिल्ली. जुमा अलविदा (Juma Alvida) और ईद की नमाज़ (Eid_Namaz) को लेकर तमाम तरह की कयासबाजी हो रही हैं. लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान ईद और जुमा की नमाज़ पढ़ने का मौका मिलेगा या नहीं इस तरह के तमाम सवाल उलेमाओं के सामने आ रहे हैं.

इसी को देखते हुए दारूल उलूम देवबंद (Deoband) और अहले सुन्नत बरेली शरीफ फतवा और पैगाम देकर साफ कर दिया है हालात के हिसाब से ईद की नमाज़ अदा की जाएगी. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) ने ईद की नमाज़ पढ़े जाने से जुड़ी एक याचिका को यह कहकर वापस कर दिया है कि पहले सूबे के सीएम के पास जाइए, फिर कोर्ट में आइएगा.

ईद वाले दिन घर में पढ़ें 4 रकअत चाश्त की नमाज़

ईद की नमाज़ को लेकर आ रहे तमाम सवालों का जवाब देते हुए अहले सुन्नत बरेली शरीफ से मोहम्मद तौसीफ़ रज़ा खां का कहना है, “अगर ईद की नमाज़ पढ़ने की अनुमति न मिले तो घरों में चार रकअत चाश्त की नमाज़ अदा करें. यह नमाज़ शहर में कहीं भी ईद की नमाज़ होने के बाद सुबह 9 बजे से पढ़ी जा सकती है. वैसे तो जो ईद की नमाज़ का वक्त है, वही लॉकडाउन में छूट का भी वक्त है.इसलिए हर शहर के लोग प्रशासन से लॉकडाउन में नमाज़ पढ़ने की अनुमति लें. ऐसा न होने पर कुछ लोग जिन्हें पहले से अनुमति है, वो मस्जिद और ईदगाहों में नमाज़ अदा करें. ईद वाले दिन ईद की तैयारी वैसे ही करें जैसे करते आए हैं. घरों में वही त्योहार का माहौल बनाए रखें. सदका, फितरा और ज़कात खूब अता करें. जरूरतमंदों, गरीब और मिस्कीनों की मदद करें. मस्जिदों के इमाम और मोहज्जिन की भी मदद करें.”

दारुल उलूम देवबंद.

दारूल उलूम देवबंद ने जारी किया यह फतवा

दारूल उलूम देवबंद के मीडिया प्रभारी अशरफ उसमानी का कहना है, “ईद की नमाज़ के संबंध में एक फतवा जारी किया गया है. मोहतमिम (कुलपति) मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी के लिखित सवाल के जवाब में दारूल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा है कि ईद की नमाज वाजिब है और इसके लिए वही शर्त हैं, जो जुमे की नमाज के लिए हैं.

अगर ईद-अल-फितर तक लॉकडाउन जारी रहता है और मस्जिदों में पांच लोगों से ज़्यादा को नमाज़ की इजाज़त नहीं होती है, तो लॉकडाउन में पढ़ी जा रही जुमे की नमाज़ों की तरह ही ईद की नमाज भी अदा की जाएगी. जिन लोगों के लिए ईद की नमाज़ की कोई सूरत न बन सके उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है, मजबूरी की वजह से उनसे नमाज़-ए-ईद माफ होगी. अलबत्ता ऐसे लोग जो नमाज़-ए-ईद न पढ़ पाएं, वह अपने घरों में दो या चार रकअत चाश्त की नमाज़ पढ़ लें तो बेहतर है.”

हाईकोर्ट ने कहा- पहले सरकार से मांगे नमाज़ की इजाज़त

ईद के दिन मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज की इजाज़त के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर राहत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पहले राज्य सरकार से अनुरोध किया जाए. अगर राज्य सरकार नमाज़ की अनुमति देने से इंकार कर देती है तो फिर कोर्ट में याचिका डालें.

गौरतलब रहे कि याचिका में एक घंटे नमाज़ के लिए अनुमति देने की मांग की गई थी. हाईकोर्ट के वकील शाहिद अली सिद्दीकी की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी. चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की थी.

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First published: May 21, 2020, 10:24 AM IST



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