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लॉकडाउन ने नौकरी छीनी और चक्रवात ने छत, दर्द को बयां करती मजदूरों की कहानी | Lockdown snatched job and cyclone affected six migrant laborers | nation – News in Hindi

लॉकडाउन ने नौकरी छीनी और चक्रवात ने छत, दर्द को बयां करती मजदूरों की कहानी

लॉकडाउन के कारण मेरी नौकरी गई और रहा-सहा जो कुछ मेरे पास था, चक्रवात सबकुछ ले गया.

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण लागू लॉकडाउन (Lockdown) ने मजदूरों का रोजगार छीन लिया और चक्रवात अम्फान ने उनके सिर से छत भी छीन ली.

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में प्रवासी मजदूरों (Migrant laborers) पर दोहरी मार पड़ी है. कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण लागू लॉकडाउन (Lockdown) ने मजदूरों का रोजगार छीन लिया और चक्रवात अम्फान ने उनके सिर से छत भी छीन ली. जमाल मंडल (45) सोमवार को बेंगलुरू से दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित अपने गृह नगर गोसाबा पहुंचे. वह अपने परिवार से मिलकर काफी खुश थे, लेकिन उनकी खुशी ज्यादा देर नहीं टिकी.

बुधवार रात चक्रवात अम्फान के कारण उनका मिट्टी का घर बह गया. वह अब अपनी पत्नी और चार बेटियों के साथ जिले में एक राहत शिविर में रह रहे हैं. मंडल ने एक समाचार चैनल से कहा, “सोमवार को जब मैं घर पहुंचा मैंने सोचा की मेरी तकलीफें खत्म हो जाएंगी, लेकिन मैं गलत था. लॉकडाउन के कारण मेरी नौकरी गई और रहा-सहा जो कुछ मेरे पास था, चक्रवात सबकुछ ले गया. मुझे नहीं पता, अब मैं क्या करुंगा, मैं कहां रहूंगा और अपने परिवार का पेट कैसे पालूंगा.”

हर मजदूर की यही कहानी
दक्षिण 24 परगना के सैकड़ों प्रवासी मजदूरों की यही कहानी है, जिनकी लॉकडाउन की वजह से नौकरी चली गई है और चक्रवात के कारण उनके पास अब कुछ नहीं बचा है. पश्चिम बंगाल में अम्फान से कम से कम 72 लोगों की मौत हुई है और कोलकाता समेत राज्य के कई हिस्सों में तबाही मची है. ज़मीर अली (35) के मुताबिक, 2009 में आए चक्रवात ऐला की तबाही के बाद उन्होंने अपने परिवार के सात सदस्यों का पेट पालने के लिए दूसरे राज्य जाकर काम ढूंढने का फैसला किया था.परदेश से घर पहुंचे तो मिले तबाही के निशान

उन्होंने कहा, “ऐला के बाद, मैंने काम की तलाश में बेंगलुरु जाने का फैसला किया था. मैंने 10 साल तक एक राजमिस्त्री का काम किया, लेकिन लॉकडाउन के कारण, मुझे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. 15 दिन तक पैदल, ट्रक और बस की यात्रा के बाद मंगलवार को घर पहुंचने में कामयाबी मिली.” अली का घर बुधवार रात को तबाह हो गया. उनके भाई का कुछ अता पता नहीं है, जो तटबंध के पास नौका को बांधने गया था. जिले के एक अधिकारी ने बताया कि इस चक्रवात के बाद बहुत से लोग सुंदरबन क्षेत्र से बाहर रोजगार की तलाश में जाएंगे.

 

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First published: May 21, 2020, 6:08 PM IST



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