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प्रवासी मजदूरों ने IIM अहमदाबाद को भेजा कानूनी नोटिस, 2 महीने का वेतन न देने का आरोप | migrant labours send legal notice to IIM ahmedabad over salary issue in lockdown | ahmedabad – News in Hindi

प्रवासी मजदूरों ने IIM अहमदाबाद को भेजा कानूनी नोटिस, 2 महीने का वेतन न देने का आरोप

अहमदाबाद में प्रवासी मजदूरों ने किया था पथराव.

गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad) में एक सड़क पर सोमवार को लगभग 100 प्रवासी कामगार इकट्ठा हो गए थे और उन्होंने पुलिस और वहां से गुजर रहे वाहनों पर पथराव किया था.

नई दिल्‍ली. इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद (IIM-Ahmedabad) में निर्माण कार्य कर रहे प्रवासी मजदूरों (Migrant labours) ने संस्‍थान को कानूनी नोटिस भेजा है. प्रवासी मजदूरों ने संस्‍थान पर लॉकडाउन के दौरान दो महीने का वेतन न देने का आरोप लगाया है. वहीं संस्‍थान ने इन आरोपों को खारिज किया है.

बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में आईआईएम और वस्त्रपुर क्षेत्र को जोड़ने वाली एक सड़क पर सोमवार को लगभग 100 प्रवासी कामगार इकट्ठा हो गए थे और उन्होंने पुलिस और वहां से गुजर रहे वाहनों पर पथराव किया था. इन प्रवासी कामगारों की मांग थी कि उन्हें तुरन्त उनके पैतृक स्थानों पर भेजा जाए. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लगभग 100 संदिग्धों को हिरासत में ले लिया.

इस घटना के बाद प्रवासी मजदूरों के वकील आनंदवर्धन याग्निक ने आईआईएम अहमदाबाद के डायरेक्‍टर, गुजरात के मुख्‍य सचिव, अतिरिक्‍त मुख्‍य सचिव और डिप्‍टी लेबर कमिश्‍नर को कानूनी नोटिस भेजा है. उनका कहना है कि 28 अप्रैल से अब तक कई बार आग्रह के बावजूद आईआईएम अहमदाबाद और ठेकेदार ने झारखंड और पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों को यहां से भेजने का कोई इंतजाम भी नहीं किया है.

प्रवासी मजदूरों की ओर से किए गए पथराव की घटना के बारे में सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचा था. क्षेत्र में एक लेबर कॉलोनी के निकट रहने वाले स्थानीय निवासियों ने दावा किया था कि प्रवासी श्रमिक अचानक सड़क पर आ गये और लॉकडाउन के मद्देनजर उन्हें उनके गृह राज्यों में वापस भेजने की मांग करने लगे.

संयुक्त पुलिस आयुक्त अमित विश्वकर्मा ने कहा कि विभिन्न राज्यों के प्रवासी श्रमिक कई दिन से स्थानीय अधिकारियों से मांग कर रहे थे कि उन्हें जल्द से जल्द उनके गृह राज्यों में वापस भेजा जाए. उन्होंने कहा था, ‘लगभग 400 से 500 प्रवासी श्रमिक लेबर कॉलोनी में रहते हैं और निकटवर्ती एक निर्माण स्थल पर काम करते हैं। जब उसी मांग को लेकर उनमें से कुछ सोमवार को सड़क पर एकत्र हुए, तो स्थानीय पुलिस ने उन्हें वापस जाने और धैर्य रखने के लिए कहा.’

 

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First published: May 21, 2020, 11:45 PM IST



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