बरनाराकला में रोजगार सहायिका की मनमानी
0बरनाराकला में रोजगार सहायिका की मनमानी
-डबल एम ए वाले युवक खोदे मिट्टी और 10 वी पास से कराये मैट का काम
-मनरेगा के मजदूरों से बंधवाई खेत की मेड़
-सीईओ ने कहा रोजगार सहायिका की मर्जी
देवेन्द्र गोरलेसबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
डोंगरगढ- डोंगरगढ जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बरनाराकला में इन दिनों रोजगार सहायक स्पांजली शर्मा की मनमानी चरम सीमा पर है जिसका प्रमाण बरनाराकला के ही निवासी अनिल पिता बिहारीलाल ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी से शिकायत करके दिया है।
हाल ही में बरनाराकला निवासी अनिल पिता बिहारी लाल
साहू ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित शिकायत करते हुए रोजगार सहायिका स्पांजली शर्मा की मनमानी पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। शिकायत के माध्यम से अनिल ने बताया कि मनरेगा कार्य के अंतर्गत मैट कार्य के लिए आवेदन किया था जिसके बाद 29 अप्रैल से 4 मई तक चिद्दों तालाब गहरीकरण कार्य में दो मैट को काम दिया गया जिसमें एक सुदर्शन पिता फेरुराम व अनिल पिता बिहारीलाल शामिल था लेकिन दूसरे सप्ताह में अनिल का नाम काट दिया गया और सुदर्शन को यथावत रखा गया।
मेरा व्यक्तिगत मामला- अनिल के द्वारा नाम काटने का कारण पूछने पर रोजगार सहायिका द्वारा तरह तरह के बहाने बाजी की गई पहले तो कहा गया कि प्रत्येक सप्ताह में मेट को बदलने का नियम बताया गया, फिर सुदर्शन को पुराना होने के कारण रखने की बात कही गई। कभी कहा गया यह मेरा व्यक्तिगत मामला है और आखिरी में कहा गया कि आप मजदूरों से वार्तालाप एवं डॉट फटकार नहीं लगाने का आरोप लगाते हुए दूसरे सप्ताह भी उन्हें कार्य से वंचित कर दिया गया।
हंस चुगेगा दाना और कौआँ मोती खायेगा- रोजगार सहायिका अपनी मनमानी करते हुए हंस चुगेगा दाना और कौआँ मोती खायेगा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही हैं। अनिल साहू के द्वारा तालाब गहरीकरण कार्य के तीसरे सप्ताह फिर से मेट कार्य के लिए आवेदन करने पर डबल एम ए किये हुए अनिल को मिट्टी खोदने का कार्य दिया गया और 10 वी पास सुदर्शन को लगातार तीसरे सप्ताह भी मेट का कार्य दिया गया है यही नहीं अनिल के द्वारा ड्रेसिंग कार्य करने के दौरान मेट सुदर्शन से अनिल की हाजिरी नहीं भरने की बात कही और अनिल को लगातार तीसरे सप्ताह भी कार्य से वंचित कर दिया गया।
मनरेगा के मजदूरों से बंधवाई खेत की मेड- सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चिद्दों तालाब गहरीकरण कार्य में लगे मजदूरों में से ही रोजगार सहायिका ने देवकुमार पिता जगदीश, आशोबाई पति जगदीश, पवन बाई पति सन्तु व ओम बाई पति पन्नालाल से अपने खेत की मेड़ बंधवाने का कार्य करवाया जो पूर्णतः नियम विरूद्ध है। अब सवाल यह भी उठता है कि जब प्रत्येक सप्ताह में मेट को बदलने का नियम है तो क्या वह नियम सुदर्शन के ऊपर लागू नहीं होता क्या।
रोजगार सहायिका की मर्जी-सीईओ- हैरानी की बात तो यह है कि जिस मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कचलाम के पास अनिल साहू अपनी फरियाद लेकर गये थे वही हिटलर के सहयोगी निकल गए और उल्टा अनिल को ही अपनी शिकायत को खामोशी के संदूक में रखने की सलाह दे दी यानी रोजगार सहायिका पर कार्यवाही करने के बजाय कहा गया कि रोजगार सहायिका की मर्जी वह जिसे चाहे काम पर रखे जिसे चाहे निकाले। उनकी बातों से ऐसा प्रतीत होता है मनरेगा योजना का संचालन केन्द्र सरकार नहीं बल्कि रोजगार सहायिका स्पांजली शर्मा करती हैं और सीईओ उसके मैनेजर इसलिए इस योजना में जो होगा वह उनकी मर्जी से होगा।
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