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CAPF कैंटीन में स्वदेशी सामान बेचने के फैसले पर कायम गृह मंत्रालय, अफवाहों का किया खंडन | MHA decision still stands to sell only made in India products at the CAPF canteens | nation – News in Hindi

CAPF कैंटीन में स्वदेशी सामान बेचने के फैसले पर कायम गृह मंत्रालय, अफवाहों का किया खंडन

CAPF कैंटीनों में स्वदेशी उत्पाद के अपने फैसले पर मंत्रालय कायम है.

इसस पहले खबर आई थी कि स्वदेशी उत्पाद (Swadeshi Products) को लेकर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण आने तक केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की कैंटीनों (CAPF Canteens) के लिए सामानों की खरीद के सभी ऑर्डर फिलहाल स्थगित रखे गए हैं.

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने गुरुवार को जानकारी दी है कि केंद्रीय पुलिस कल्‍याण भंडार (KPKB) के आदेश को लेकर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स भ्रमित कर रही हैं. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कहा कि वह अपने पहले के रुख पर ही कायम है. गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि- कुछ मीडिया रिपोर्ट्स केपीकेबी के आदेश स्वदेशी सामानों की खरीद पर रोक लगाने के फैसले को लेकर भ्रम की स्थिति में हैं, जिसमें एमएचए द्वारा देश में केवल सीएपीएफ कैंटीन (CAPF Canteens & Stores) और स्टोर पर भारत के उत्पादों को बेचने का निर्णय लिया गया है. मंत्रालय अपने फैसले पर कायम है.

मंत्रालय की ओर से कहा गया कि उपयुक्त उत्पादों को सूचीबद्ध करने और गृह मंत्रालय के आदेश को लागू करने के लिए एक आंतरिक अभ्यास को अनावश्यक रूप से बाहर फैला दिया गया है, इस तरह की खबरें मुद्दे की गलत व्याख्या हैं.

ये था मामला
कैंटीन में स्वदेशी सामान के बारे में सरकार / एमएचए अपने फैसले पर कायम हैं. कुछ दिनों पहले अमित शाह के ट्वीट के बाद, केंद्रीय कैंटीन के प्रभारी ने 15 मई को विभिन्न पुलिस और अर्धसैनिक कैंटीनों को एक परिपत्र जारी किया और उनसे गृह मंत्रालय के लंबित आदेश के चलते स्वदेशी सामानों की खरीद पर रोक लगाने के लिए कहा था. क्योंकि इस पर अभी गृह मंत्रालय का विस्तृत आदेश आना बाकी है. उसी अधिकारी ने अपने पिछले आदेश को वापस ले लिया क्योंकि यह कैंटीनों में आपूर्ति को प्रभावित कर रहा था, जहां से पुलिस आदि आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी कर रहे थे. संक्षेप में गृह मंत्रालय या सरकार के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. यह सिर्फ मामूली विभागीय बात है.

इसस पहले खबर आई थी कि स्वदेशी उत्पाद को लेकर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण आने तक केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की कैंटीनों के लिए सामानों की खरीद के सभी ऑर्डर फिलहाल स्थगित रखे गए हैं.  केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 फरवरी को घोषित किया था कि ऐसी कैंटीन में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री होगी ताकि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके.

ऐसा है कैंटीन का ढांचा
केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीन के तहत पूरे देश में 1,700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन (सीपीसी) का संचालन होता है. इसमें किराना का सामान, कपड़े, उपहार सामग्री और वाहन एवं अन्य सामानों की बिक्री होती है

सीएपीएफ की कैंटीन में सालाना करीब 2,800 करोड़ रुपये का व्यवसाय होता है. इन कैंटीनों के जरिए बल के करीब 10 लाख कर्मियों के परिवारों को सामानों की बिक्री की जाती है. सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के अलावा एनएसजी भी शामिल है. वर्ष 2006 में कैंटीन के इस नेटवर्क की स्थापना हुई थी . बलों की तैनाती वाले विभिन्न स्थानों पर 119 से ज्यादा मास्टर कैंटीन और 1,625 सहायक कैंटीन हैं.

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First published: May 21, 2020, 5:07 PM IST



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