दुर्ग भिलाई

एल्डरमेन के लिए पद कम दावेदार अधिक, आकाओं के पास दावेदार लगाने लगे है जोर

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले एल्डरमेनों की नियुक्ति के संकेत

 

राज्य सरकार को लोस चुनाव बाद करनी चाहिए नियुक्ति, वरना हो सकता है घाटे का सौदा

एल्डरमेन के दावेदारों में जिनको नही मिलेगा मौका, वही लोकसभा में बनेंगे विरोधी

भिलाई।  लोकसभा चुनाव के बिगुल बजने के पहले नगर निगम व पालिकाओं में एल्डरमेन की नियुक्ति की जानकारी मिलते ही एल्डरमेन के दावेदारों में होड़ मच गई है। यहां सीट कम और दावेदार अधिक है यानि कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा लोकसभा के पहले एल्डरमेनों की नियुक्ति घाटे का सौदा हो सकता है कि क्योंकि पद कम दावेदार अधिक है। एल्डरमेन के दावेदारों में जिनको मौका नही मिलेगा वह लोकसभा में पार्टी के विरूद्ध जाकर काम करने का कार्य करेंगे। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए कि एल्डरमेनों की नियुक्ति लोकसभा चुनाव के बाद करें तो बेहतर होगा। लोस चुनाव के पहले एल्डरमेनों की नियुक्ति के संदेश मिलने से एल्डरमेन बनने की चाह रखने वाले दावेदारों में अचानक सक्रियता दिखने लगी है। यह स्थिति लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले सारे निकायों में एल्डरमेन की नियुक्ति कर दिए जाने के संकेत से बनी है। इस खबर के बाद दावेदार अपने-अपने आका नेताओं के माध्यम से जोड़तोड़ में जुट गए हैं। हर निकाय में दावेदारों की एल्डरमेन पद को लेकर अप्रत्याशित भीड़ के चलते एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ होती दिख रही है।

राजनीतिक गलियारे में यह खबर तेजी के साथ फैल रही है, कि लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू होने से पहले सभी नगरीय निकायों में एल्डरमेन के रिक्त पदों पर नियुक्ति होने वाली है। पूर्व में सरकार के मुखिया भूपेश बघेल की ओर से यह संकेत दिया गया था कि आयोग, निगम व मंडलों में पदों की नियुक्ति लोकसभा चुनाव के बाद की जाएगी। इसके आधार पर यह मान लिया गया था कि एल्डरमेन के रिक्त पदों को भी लोकसभा चुनाव के बाद ही भरा जाएगा। लेकिन एक-दो दिनों के भीतर यह चर्चा तेजी के साथ चल रही है कि सरकार की ओर से निगम, मंडलों और महत्वपूर्ण आयोग को छोड़ निकायों में लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही एल्डरमेन पद पर नियुक्ति को अमलीजामा पहना दिया जाएगा। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव खत्म होने तक शांत रहने की सोंच रखने वाले दावेदार एकाएक सक्रिय हो

गए हैं।

बताया जाता है कि नगरीय प्रशासन विकास विभाग की अनुशंसा पर राज्यपाल द्वारा निकायों में एल्डरमेन नियुक्त की जाती है। लिहाजा जितने भी दावेदार हैै उनमें किसी भी तरह से अपने नाम को नगरीय प्रशासन विकास विभाग तक पहुंचाने की होड़ मची हुई है। इसके लिए अपने आका नेताओं को रिझाने की कोशिश में भी कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के अपने क्षेत्रीय विधायकों के साथ ही मंत्रियों तक एल्डरमेन पद के दावेदार बायोडाटा पहुंचाने में पीछे नहीं है।

गौरतलब रहे कि जिले के सबसे बड़े नगर निगम भिलाई में एल्डरमेन के ग्यारह पद है। वहीं दुर्ग निगम में नौ तथा भिलाई- चरोदा में आठ एल्डरमेन बनाया जाना तय है। शासन के माध्यम से नियुक्त होने वाले एल्डरमेन को विकास के लिए प्रति वर्ष ढाई लाख की निधि मिलती है। इसके अलावा निर्वाचित पार्षदों की तरह मानदेय भी दिया जाता है। इस वजह से जिले के इन तीनों निगमो में एल्डरमेन बनने दावेदारों की संख्या अप्रत्याशित तौर पर बढ़ी हुई है।

भिलाई निगम में गृहमंत्री और विधायक देवेन्द्र दोनो के समर्थकों को मिलेगा मौका

भिलाई नगर निगम में एल्डरमेन के 11 पदों की नियुक्ति में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के साथ ही स्थानीय विधायक व महापौर देवेन्द्र यादव की भूमिका अहम रहने का अनुमान है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का निर्वाचन क्षेत्र दुर्ग ग्रामीण के 12 वार्ड भिलाई निगम में आते हैं। लिहाजा एल्डरमेन के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र से वे पसंद के अनुरुप नाम आगे भेज सकते हैं। इसके बाद महापौर के साथ ही विधायक की दोहरी भूमिका निभा रहे देवेन्द्र यादव के समर्थकों को एल्डरमेन पद के लिए महत्व मिलने की संभावना जताई जा रही है। भिलाई निगम में वैशाली नगर विधानसभा का पूरा इलाका शामिल है। लेकिन यहां पर कांग्रेस का विधायक नहीं होने से महापौर होने के नाते और मुख्यमंत्री के करीबी भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव के पसंद के अनुरुप एल्डरमेन बनाये जा सकते हैं।

चरोदा निगम में सीएम और रूद्र गुरू के लोगों को मिल सकता है तवज्जो

चरोदा निगम में आठ एल्डरमेन बनाये जाने हैं। यह निकाय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निवास क्षेत्र है। वहीं यहां के विधायक गुरु रुद्र कुमार मंत्रीमंडल में शामिल है। एल्डरमेन नियुक्ति से क्षेत्रीय विधायकों की भावना को सम्मान देने की अघोषित परंपरा रही है। लेकिन मुख्यमंत्री का निवास क्षेत्र होने की वजह से उनके समर्थकों की मौजूदगी को देखते हुए सिर्फ विधायक की पसंद पर ही एल्डरमेन बनाये जाएंगे, यह कहना गलत साबित हो सकता है। बताते हैं भिलाई-चरोदा निगम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री गुरु रुद्रकुमार के बीच सामंजस्य बनाकर एल्डरमेन बनाये जाएंगे। इस संकेत के बाद दावेदारों के द्वारा मुख्यमंत्री निवास के साथ ही मंत्री गुरु रुद्रकुमार तक अपना बायोडाटा भिजवाया जा रहा है

दुर्ग में वोरा और चन्द्राकर दोनो गुटों से नियुक्ति के संदेश

दुर्ग नगर निगम नौ एल्डरमेन पद पर होने वाली नियुक्ति में वोरा गुट और पुराने चंद्राकर गुट में तालमेल देखने को मिल सकता है। वर्तमान में अरुण वोरा दुर्ग विधायक है और इस शहर की कांग्रेसी राजनीति वोरा परिवार के इर्द गिर्द रहती आई है। बावजूद इसके पुराने चंद्राकर गुट को भी एल्डरमेन नियुक्ति में महत्व मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। इसके पीछे कभी चंद्राकर गुट से राजनीति का सफर शुरू करने वाले भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बन जाने को तर्क दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि दुर्ग निगम में मुख्यमंत्री बघेल की पसंद पर पुराने चंद्राकर गुट से जुड़े कांग्रेसियों को वोरा गुट के साथ तालमेल बनाकर एल्डरमेन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

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