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कोरोना काल में मध्य प्रदेश की जेलों में टेलीफोन बना खुशी की वजह | Telephone became a reason for happiness in the Madhya Pradesh jail during Corona | nation – News in Hindi

कोरोना काल में मध्य प्रदेश की जेलों में टेलीफोन बना खुशी की वजह

सांकेतिक फोटो.

मध्य प्रदेश जेल के महानिदेशक श्री संजय चौधरी के मुताबिक बंदियों को फोन की यह सुविधा मुफ्त दी गई है.

मध्य प्रदेश की जेलों में टेलीफोन खुशी और राहत की वजह बन रहा है. कोरोना के दौर में जेलों में मुलाकातें बंद होने की वजह से अब मध्य प्रदेश जेल प्रशासन ने फोन को बंदियों का संपर्क का सूत्र बना दिया है. हाल ही में मध्य प्रदेश की 8 जेलों में टेलीफोन के इस्तेमाल पर एक शोध किया गया जिसके नतीजे काफी दिलचस्प रहे. यह 8 जेले हैं- केंद्रीय जेल जबलपुर, केंद्रीय जेल इंदौर, केंद्रीय जेल सागर, केंद्रीय जेल उज्जैन, केंद्रीय जेल भोपाल, केंद्रीय जेल ग्वालियर, केंद्रीय जेल होशंगाबाद और जिला जेल इंदौर. यह नतीजे मध्य प्रदेश जेल विभाग और जेलों पर काम कर रही तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक वर्तिका नन्दा के देश की जेलों पर किए जा रहे एक शोध का हिस्सा हैं. इससे पहले वर्तिका नन्दा ने जेल प्रशासन के सहयोग से तिनका तिनका मध्य प्रदेश नाम की कॉफी टेबल बुक को 2018 में प्रकाशित किया था जो जेलों पर अपनी तरह की अनूठी किताब है.

कोरोना के दौर में शोध में शामिल की गई आठों जेलें मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जेलें हैं और इनमें क्षमता से अधिक बंदी भी हैं. इन जेलों में इस समय कुल 15,698 बंदी हैं,जिनमें 14955 पुरुष और 743 महिलाएं शामिल हैं. सर्वेक्षण से यह साफ है कि जेलों में कोरोना काल में फोन-कॉल का अनुपात कम से कम दोगुना बढ़ गया है.

मध्य प्रदेश जेल के महानिदेशक श्री संजय चौधरी के मुताबिक बंदियों को फोन की यह सुविधा मुफ्त दी गई है. कोरोना के समय में मध्य प्रदेश में सबसे पहले पैरोल की रिहाई का रिकार्ड दर्ज भी हुआ. वर्तिका नन्दा का कहना है कि जेलों में संवाद को लेकर शुरू हुई इस परंपरा को कोरोना के बाद भी इसी पैमाने पर जारी रखने पर विचार होना चाहिए.

गौर करने लायक यह भी है कि केंद्रीय जेल भोपाल में कोरोना से पहले पुरुष बंदी औसतन 390 और महिलाएं 28 फोन करती थीं लेकिन कोरोना के समय में यह औसत 600 और 48 पर पहुंच गया है. केंद्रीय जेल ग्वालियर और जबलपुर में कोरोना काल में बंदी सबसे ज्यादा फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. यहां 350 से 640 और 212 से 451 कॉलों का इजाफा हुआ है. कोरोना से पहले महिलाएं 25 और 20 बार फोन कर रही थीं. अब यह संख्या 40 और 28 पर आ गई है.मध्य प्रदेश जेल प्रशासन ने जेलों में 73 लैंडलाइन और 34 मोबाइल फोन मुहैया करवाए गए हैं. जबलपुर जेल में फोन का अनुपात 231 बंदी पर एक फोन का है जबकि उज्जैन में यह अनुपात 111 बंदी पर एक फोन का है. इन सभी जेलों में फोन इस्तेमाल करने का समय भी 3 घंटे से बढ़ा कर 6 घंटे कर दिया गया है. बंदी जेल में आए इस बदलाव से बेहद खुश हैं. जेल में फोन की सुचारू सुविधा आने से काफी सुकून आया है.

वर्तिका नन्दा के बारे में: देश की स्थापित जेल सुधारक और एक अनूठी श्रृंखला- तिनका तिनका- की संस्थापक. उनकी तीन किताबें- तिनका तिनका तिहाड़, तिनका तिनका डासना और तिनका तिनका मध्यप्रदेश जेलों की कहानी कहती हैं. सुप्रीम कोर्ट की जेलों की स्थिति की सुनवाई का भी हिस्सा बनीं. खास प्रयोगों के चलते महिलाओं के लिए देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान स्त्री शक्ति पुरस्कार से भारत के राष्ट्रपति से सम्मानित. दो बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल. दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज के पत्रकारिता विभाग में अध्यापन.
Contact: tinkatinkaorg@gmail.com / 9811201839

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First published: May 21, 2020, 8:08 AM IST



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