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प्रवासी मजदूरों के लिए भेजी बसों के नंबर न मिलने के आरोपों से भड़की कांग्रेस, कहा- झूठ फैलाने वालों पर करेंगे मानहानि की कार्रवाई.Yogi government and Congress continue to spar over buses for migrant workers nodark | lucknow – News in Hindi

बसों के नंबर न मिलने के आरोपों से भड़की कांग्रेस, कहा- झूठ फैलाने वालों पर करेंगे मानहानि का दावा

प्रवासी मजदूरों को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार पर साधा निशाना.

प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers)को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) और कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है.

लखनऊ. प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) को लाने के लिए बस उपलब्ध कराये जाने को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) से जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर घृणित राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि बसों के नंबर सही न होने की बात फैलाने वालों के खिलाफ मानहानि की कार्रवाई की जाएगी.

ये भाजपा की घृणित राजनीति है-कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रदेश की योगी सरकार पर प्रवासी गरीब मजदूरों को तकनीकी आधार पर प्रताड़ित करने और इस महामारी के दौरान घृणित राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सीमाओं पर लाखों की संख्या में श्रमिक अपने घरों को आना चाहते हैं जिसके लिए कांग्रेस पार्टी ने 1000 बसों की व्यवस्था कराई है, लेकिन प्रदेश की योगी सरकार तकनीकी तौर पर उलझाकर उन्हें चलाने की अनुमति नहीं दे रही है. तिवारी ने कहा, ‘सोशल मीडिया और अन्य संचार माध्यमों से पता चला है कि भाजपा के लोग कह रहे हैं कि कुछ बसों के नंबर मेल नहीं खा रहे हैं. भाजपा के लोग कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करायेगी.

कांग्रेस ने मांगी थी अनुमतिकांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 16 मई को पत्र लिखकर 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी थी. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बसों का विवरण, फिटनेस, चालक एवं परिचालक के नामों की सूची मांगी, जो कांग्रेस ने तत्काल उपलब्ध करा दी. जबकि तिवारी ने कहा कि इस आपदा के समय सबसे शर्मनाक यह है कि अपर मुख्य सचिव अवस्थी की तरफ से सोमवार देर रात तकनीकी शर्तों के साथ पत्र लिखकर कहा गया कि मंगलवार सुबह 10 बजे तक लखनऊ जिला प्रशासन को बसें सौंपी जाएं. आज सुबह कहा गया कि दोपहर 12 बजे तक बसों को नोएडा, गाजियाबाद में सौंपें. अब जब बसें इन स्थानों पर पहुंच रही हैं तो स्थानीय प्रशासन कह रहा है कि उन्हें प्रदेश में दाखिल करने के लिए शासन से कोई आदेश नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार की तानाशाही का चरम है.

इसके अलावा पूर्व सांसद ने कहा कि हम प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि सभी राजनीतिक स्वार्थ को दूर करते हुए एक दूसरे के साथ सकारात्मक, सेवा भाव से जनता की सहायता करने का मौका दें.

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First published: May 19, 2020, 6:06 PM IST



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