छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

निजी स्कूलों के बाजारीकरण पर एनएसयूआई जि़ला अध्यक्ष आदित्य सिंह ने जताया विरोध जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

भिलाई । शासन के आदेश की अवहेलना कर प्राइवेट स्कूलों द्वारा लगातार परिजनों पर फीस के लिए दबाव बनाया जा रहा है एवं ऑनलाइन फीस जमा करने के पश्चात् उसका मैसेज या स्क्रीन शॉट पालकों से मंगवाया जा रहा है। ऐसे समय में जबकि स्कूल बंद है तो बस फीस, लाईब्रेरी फीस एवं अन्य सभी प्रकार की फीस वसूली भी की जा रही है जो की इस आपदा महामारी के समय में अभिभावकों के ऊपर अतिरिक्त बोझ है।

बुक डिपो को आधार बनाकर प्राइवेट स्कूल मालिकों द्वारा शिक्षा का बाज़ारीकरण करने का तरीक़ा अपना लिया गया है। चिन्हित बुक डिपो से ही स्कूलों  द्वारा पालकों से बुक खऱीदने को कहा जाता है जहां उन्हें धूप में घंटो लाइन में खड़ा होकर इंतजार करना पड़ता है और बुक डिपो कर्मियों द्वारा पालकों से जल्दी करने पर दुव्र्यवहार भी किया जाता है।

दुर्ग जि़ला एनएसयूआई अध्यक्ष आदित्य सिंह ने कहा कि ऐसे समय जहां एक तरफ़  पूरी दुनिया कोरोना महामारी से बचने एवं लडऩे के उपाय कर रहीं है वही दूसरी तरफ़  प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी कर फीस वसूली करना तथा शिक्षा का बाज़ारीकरण करना निरंतर जारी है। एनएसयूआई मांग करती है ऐसे समस्त स्कूलों पर तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए जायें तथा दोषी पाए जाने पर अर्थदंड लगाया जाए जिससे बार-बार ऐसी परिस्थितियों का सामना अभिभावकों को ना करना पड़े। ज्ञापन सौपने वालों में छग एनएसयूआई के प्रदेश सचिव डामेंद्र परगनिहा, आदित्य नारंग, निशा देशलहरे, शरद मिश्रा, आसिफ़  खान, खुलेश्वर यादव उपस्थित थे।

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