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Lockdown में बाबा विश्वनाथ को मिला लाखों का चढ़ावा, उज्जैन के महाकाल से भी ज्यादा-Baba Vishwanath offered lakhs in lockdown, a few thousand came in Mahakal | ujjain – News in Hindi

Lockdown में बाबा विश्वनाथ को मिला लाखों का चढ़ावा, उज्जैन के महाकाल से भी ज्यादा

बाबा विश्वनाथ मंदिर (File Photo)

काशी में विराजे बाबा विश्वनाथ का मंदिर पूरे लॉकडाउन (Lockdown) पीरियड में बंद होने के बावजूद लखपति बन गया है. लॉकडाउन के दौरान बाबा विश्वनाथ के मंदिर में 50 लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ाया गया है.

वाराणसी. मोक्षनगरी काशी में विराजे बाबा विश्वनाथ का मंदिर (Baba Vishwanath Temple) पूरे लॉकडाउन (Lockdown) पीरियड में बंद होने के बावजूद लखपति बन गया है. हालांकि लॉकडाउन में मंदिर के कोष पर असर जरूर पड़ा, लेकिन सात समुंदर पार बैठे भक्तों ने इस कोष को खाली नही होने दिया. लॉकडाउन के दौरान बाबा विश्वनाथ के मंदिर में 50 लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ाया गया है. इस मंदिर में लॉकडाउन से पहले हर महीने औसतन 3.5 करोड़ रुपए चढ़ावा आता था. वहीं, इसी दौरान मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर (Mahakaal Temple, Ujjain) के चढ़ावे में कमी आ गई है. महाकाल मंदिर में पहले जहां हर महीने सवा दो करोड़ रुपए का चढ़ावा आता था. वहीं लॉकडाउन के डेढ़ महीने में सिर्फ 3.33 लाख रुपए का चढ़ावा आया है.

विश्वनाथ मंदिर में लॉकडाउन में भी लाखों का चढ़ावा

​वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि बाबा भोले खुद मां पार्वती के साथ विराजमान रहते हैं. यही कारण है कि इस मं​दिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख माना जाता है. पूरे देश में जब कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाया गया तो इसका असर मंदिरों पर भी पड़ा. 25 मार्च से पूरे देश के मंदिरों के कपाट आम भक्तों के लिए बंद कर दिए गए. कोरोना वायरस के संक्रमण के इस संकट की घड़ी में विश्वनाथ के भक्तों को उनके लाइव दर्शन प्राप्त होते हैं, जिसका लाभ देश के साथ विदेशों में बैठे उनके भक्त भी प्राप्त कर रहे हैं और बाबा के चरणों में चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं. इस लॉकडाउन में भी बाबा विश्वनाथ के कोष में 50 लाख का आंकड़ा पार कर गया है.

चढ़ावे के पैसे से लोगों को खिलाया जा रहा है खानामंदिर के कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि 22 मार्च से ही कोविड 19 के कारण आम भक्तों के लिए कपाट बंद कर दिए गए थे, लेकिन मंदिर में पूजन सामान्य दिनों की तरह जारी था और जिसका ऑनलाइन प्रसारण भी किया जा रहा था. इस ऑनलाइन दर्शन को करोड़ों भक्त देश-विदेश में बैठे देख रहे हैं जिन्होंने ऑनलाइन चढ़ावा भी चढ़ाया. विदेशों में बैठे एनआरआई ने लगभग 30 लाख का दान किया तो वहीं देश से चढ़ावे के रूप में 20 लाख रुपए आए. इन रुपयों से मंदिर में काम करने वाले को तनख्वाह मिली और सामाजिक कार्य के लिए भी बल मिला, जिससे लोगों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. हालांकि इस लॉकडाउन में मंदिर के कोष को लगभग 3 करोड़ का घाटा भी हुआ है.

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First published: May 18, 2020, 12:22 PM IST



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