शरद यादव ने कहा- मजदूरों को लेकर सरकार का रुख दुखद, आर्थिक पैकेज लोगों की समझ से परे | Sharad Yadav Central Government Migrant laborers Economic package | nation – News in Hindi
प्रवासी श्रमिकों और राहत पैकेज को लेकर शरद पवार ने केंद्र पर साधा निशाना (फाइल फोटो)
शरद यादव (Sharad Yadav) ने अपने एक बयान में कहा कि प्रवासी श्रमिकों को लेकर इन दिनों जो दृश्य देखने को मिल रहे हैं, ऐसी दुखद और बेबस स्थिति को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.
शरद यादव ने अपने एक बयान में कहा कि प्रवासी श्रमिकों को लेकर इन दिनों जो दृश्य देखने को मिल रहे हैं, ऐसी दुखद और बेबस स्थिति को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. हम आत्मनिर्भर होने की बात कर रहे हैं और यह आज के समय में किसी मजाक से कम नहीं है. आज जो स्थिति है, उसके बारे में कहते हैं कि ऐसी स्थिति विभाजन के समय देखने को मिली थी.
प्रवासी मजदूरों के लिए ठोस कदम उठाने में विफल सरकार
यादव ने कहा, ‘मैं प्रवासी मजदूरों के लिये ठोस व्यवस्था करने में विफल रहने और राज्य सरकारों की अनदेखी की घोर निंदा करता हूं. ‘उन्होंने कहा कि हमारे पास व्यवस्था और साधन दोनों मौजूद होते हुए भी मजदूरों की सड़कों एवं अन्य स्थानों पर जो स्थिति देखने को मिल रही है, वह आश्चर्यजनक है कि सरकार हरकत में क्यों नहीं आ रही है. समय रहते, इन मजदूरों के लिये ठोस प्रबंधन क्यों नहीं किया गया.सरकार का आर्थिक पैकेज लोगों की समझ से परे
उन्होंने कहा कि सरकार जिस आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रही है, वह किसी के समझ से परे है. वैसे सरकार हर मामले में दूसरे देशों का उदाहरण दे रही है लेकिन किस तरह की आर्थिक मदद दूसरे देश दे रहे हैं, इसकी कोई चर्चा नहीं करती है. दूसरे देशों में अगर जर्मनी ने अपने देश में हर प्रभावित व्यक्ति को सीधी मदद पहुंचायी.
GDP के 10 नहीं, 2.5 प्रतिशत निकलेगा पैकेज
शरद यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हम जीडीपी का 10 प्रतिशत पैकेज के रूप में देने की बात कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ बता रहें हैं कि पूरा पैकेज जीडीपी का 2.5 प्रतिशत ही निकलेगा. वह भी ऐसा नहीं लगता कि यह सीधे किसी को मिलेगा.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का 20 लाख करोड़ रूपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा साधारण आदमी के समझ से परे हैं क्योंकि इसमें यह नहीं बताया गया है कि यह पैसा कहां से आयेगा.
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First published: May 16, 2020, 6:50 PM IST