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अब अल्ट्रावायलट रे से खत्म होगा Covid-19? भारतीय कंपनी ने बनाया UV-C सैनिटाइजर | India Homegrown UV-C Sanitiser to Fight Covid-19 in Half Cost | nation – News in Hindi

अब अल्ट्रावायलट रे से खत्म होगा Covid-19? भारतीय कंपनी ने बनाया UV-C सैनिटाइजर

यूवी-सी सैनिटाइजर अल्ट्रावायलट रे से कोविड-19 के वायरस खत्म कर देता है.

मुंबई की कंपनी नेवान सॉल्यूशंस ने अल्ट्रावायलट रे कॉन्टैक्टलेस सैनिटाइजर (UV-C Sanitiser) की अस्पतालों को सप्लाई शुरू कर दी है. यूवी-सी सैनिटाइजर पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल की नीति पर भी फिट बैठता है.

नई दिल्ली. भारत को कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ाई में बड़ी कामयाबी मिली है. भारत की एक कंपनी ने अल्ट्रावायलट रे कॉन्टैक्टलेस सैनिटाइजर (Ultraviolet Ray Contactless Sanitisers) बनाया है. यह कोविड-19 (Covid-19) से जारी लड़ाई में बेहद मददगार साबित हो सकता है. इसे मुंबई की कंपनी नेवान सॉल्यूशंस (Nevon Solutions) ने बनाया है. कंपनी ने इसकी दो वेरायटी बनाई है.

कंपनी ने अल्ट्रावायलट रे कॉन्टैक्टलेस सैनिटाइजर (UV-C Sanitiser) की अस्पतालों को सप्लाई भी शुरू कर दी है. यूवी-सी सैनिटाइजर पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल की नीति पर भी फिट बैठता है. यह देश का पहला यूवी-सी सैनिटाइजर है. इसकी कीमत मार्केट में मौजूद यूवी-सी सैनिटाइजर से लगभग आधी है.

नेवोन सॉल्यूशंस के फाउंडर नीरज सावंत ने बताया कि वे अब तक 45 यूवी-सी सैनिटाइजर कुछ अस्पतालों को दिए जा चुके हैं और अभी कुछ पर काम चल रहा है. यह चीन के यूवी-सी सैनिटाइजर के मॉडल पर आधारित है.

नेवोन सॉल्यूशंस के मुताबिक भारत में सिर्फ उनकी कंपनी का यूवी-सी सैनिटाइजर ही उपलब्ध है. नीरज सावंत ने कहा कि डीआरडीओ ने ऐसा प्रोटोटाइप सैनिटाइजर पेश जरूर किया है, लेकिन वह मार्केट में उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बताया कि नेवोन ने यूवी-सी सैनिटाइजर पर मार्च में काम शुरू किया था, लेकिन वे यूवी प्रॉडक्ट्स पर पहले से काम कर रहे हैं. यूवी-सी सैनिटाइजर की कीमत 4 हजार रुपए है. यह ग्लोबल मार्केट में उपलब्ध यूवी-सी सैनिटाइजर से थोड़ा बड़ा है.सावंत ने बताया कि यूवी-सी सैनिटाइजर को दो अलग-अलग मॉडल में डेवलप किया गया है. पहला पोर्टेबल फॉर्मेट, जिसे सार्वजनिक जगहों में इस्तेमाल किया जा सकता है. दूसरा फॉर्मेट अस्प्तालों के लिए है, जिससे एन-95 मास्क भी सैनिटाइज किए जा सकते हैं. इससे एन-95 मास्क का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा.

सावंत ने बताया कि यूवी-सी सैनिटाइजर को एक बार सही ढंग से सेट कर दें, फिर यह इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाता है. आखिर उन्होंने इसे कैसे बनाया, सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डब्ल्यूएचओ और सीडीसी की वेबसाइट से सार्स कोरोनो वायरस का डेटा डाउनलोड किया. फिर इस पर रिसर्च किया कि कोविड-19 को मारने के लिए अल्ट्रावायलट किरणों की कितनी जरूरत है. इसके बाद यह डिवाइस डिजायन किया. सावंत ने न्यूज-18 को वह सर्टिफिकेट भी भेजा, जिसमें यूवी-सी सैनिटाइजर के इस्तेमाल को इजाजत दी गई है.

सावंत ने बताया कि मुंबई के कुछ अस्पताल यूवी-सी सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी के पास बहुत सारे ऑर्डर आ चुके हैं. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण इसे बनाने और आपूर्ति करने में देरी हो रही है. कंपनी अभी एक सप्ताह में 25 यूवी-सी सैनिटाइजर ही बना पा रही है. उसका इरादा जल्दी ही इस संख्या को 150 तक पहुंचाने का है.

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First published: May 16, 2020, 5:13 AM IST



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