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Liquor shops can reopen in Tamil Nadu after supreme court stays madras high court order | सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस राज्य में खुल सकती हैं शराब की दुकानें | nation – News in Hindi

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस राज्य में खुल सकती हैं शराब की दुकानें

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पाया कि ऐसे फैसले राज्य पर निर्भर करते हैं और कहा कि अब इस मामले की सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.

नई दिल्ली. तमिलनाडु (Tamil Nadu) में शराब की दुकानें बंद करने से जुड़े मद्रास हाईकोर्ट (Madras Highcourt) के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्टे लगा दिया है. शुक्रवार को हुई एक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता समेत अन्य को नोटिस जारी किया है. दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य में शराब की सभी सरकारी दुकानों को बंद करने का शुक्रवार को आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने इस आधार पर शराब की दुकानों को बंद किये जाने का आदेश दिया था कि यह कोविड-19 (Covid19) महामारी से निपटने के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का पूरी तरह से उल्लंघन है.हालांकि, अदालत ने शराब की ऑनलाइन बिक्री पर छूट दी थी. अधिवक्ता जी. राजेश और कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम (MNM) द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शराब की दुकानों के सामने भीड़ और सामाजिक दूरी के नियमों के उल्लंघन को संज्ञान में लेते हुए यह आदेश पारित किया था.

शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि ऐसे फैसले राज्य पर निर्भर करते हैं और  कहा कि अब इस मामले की सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी. राज्य में शराब की बिक्री करने वाली एक सरकारी फर्म तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमसी) ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की और शराब बेचने की अनुमति दिये जाने का आग्रह किया था.

शराब की दुकानों पर भीड़ के बाद अदालत का फैसला
मार्च के आखिर में कोविड-19 के कारण लगाये गये लॉकडाउन के चलते 43 दिनों तक शराब की दुकानें बंद रहने के बाद राज्य की राजधानी चेन्नई को छोड़कर निगम की दुकानों पर शराब की फिर से बिक्री की अनुमति दी गई थी. ज्यादातर स्थानों पर शराब की दुकानों पर भारी भीड़ देखने को मिली थी. इसके बाद विपक्षी पार्टियों और अन्य ने आशंका जताई थी कि इससे कोरोना वायरस तेजी से फैलेगाहाईकोर्ट ने राज्य में जिन याचिकाकर्ताओं की याचिका पर शराब की दुकानों को बंद करने के आदेश दिये थे उनमें से कुछ ने कैविएट दायर कर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया और उन्होंने आग्रह किया था कि निगम की याचिका पर कोई आदेश पारित किये जाने से पहले शीर्ष अदालत को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए.

यह भी पढ़ें: शराब की दुकानें बंद कराने पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, याचिका खारिज कर अदालत ने लगाया 1 लाख का जुर्माना

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First published: May 15, 2020, 2:22 PM IST



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