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जानें सैन्‍य ताकत के मामले में चीन से इस मोर्चे पर आगे है भारत – know India is ahead of China on this front in terms of military strength how where when | knowledge – News in Hindi

भारत और चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच अकसर खींचतान व धक्‍का-मुक्‍की होती रहती है. हाल में सिक्किम के मुगुथांग में भारतीय सेना के एक युवा लेफ्टिनेंट ने चीनी सेना के मेजर की नाक पर मुक्का मारकर खून निकाल दिया था. इसके बाद अचानक ये चर्चा फिर शुरू हो गई कि दोनों देशों में किसके पास ज्‍यादा मजबूत सैन्‍यबल है. बता दें कि जापान (Japan) के 2019 में किए आकलन के मुताबिक, भारत की थलसेना (Indian Army) ने अपने पड़ोसी देश चीन (China) को एक मामले में पीछे छोड़ दिया है. चीन अब पैदल सैनिकों की सूची में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. इस मामले में दूसरे नंबर पर उत्‍तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong UN) की सेना है. चीन और पाकिस्‍तान (Pakistan) की ओर से दो मोर्चों पर खतरे का सामना कर रहे भारत के पैदल सैनिकों की संख्‍या बढ़कर 12.40 लाख हो गई है.

चीन ने लागू कर दिया है थियेटर कमांड ढांचा
जापान के रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्‍तर कोरिया (North Korea) के सैनिकों की संख्‍या 11 लाख और चीन के सैनिकों की संख्‍या 9.80 लाख हो गई है. हालांकि, चीन अपनी सेना को ज्‍यादा मारक बनाने के लिए बड़े पैमाने पर सुधार कर रहा है. यह चीन की सेना के इतिहास में सबसे बड़ा सुधार (Army Reforms) बताया जा रहा है. चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने नवंबर 2015 में सैन्‍य सुधारों की शुरुआत की थी. चीन के राष्‍ट्रपति ने कहा था कि 2020 तक ये सैन्‍य सुधार पूरे कर लिए जाएंगे. हालांकि, अब माना जा रहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण इसकी रफ्तार फिलहाल धीमी हो गई होगी. चीन ने थलसेना के लिए थियेटर कमांड ढांचा लागू किया है. इसके तहत 3 लाख सैनिकों की कमी की गई है.

चीन बहुत तेजी से अपनी थलसेना को संख्‍या और गुणवत्‍ता के ल‍िहाज से बेहतर बनाने में लगा है.

सेना की संख्‍या-गुणवत्‍ता में सुधार कर रहा चीन
चीन ने अपनी सेना को पांच थियेटर में बांट दिया है. साथ ही रॉकेट फोर्स, स्‍ट्रेटजिक सपोर्ट फोर्स, लॉजिस्टिक सपोर्ट फोर्स का भी गठन किया गया है. इस पूरी कवायद का मकसद 21वीं सदी में चीन की सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना बनाना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन बहुत तेजी से अपनी थलसेना को संख्‍या और गुणवत्‍ता के ल‍िहाज से बेहतर बनाने में लगा है. इस समय चीन का पूरा जोर परमाणु हथियार, मिसाइल, नेवी और एयरफोर्स पर है. माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने सैनिकों की संख्‍या में कटौती की है. चीन अब स्‍पेस, साइबर और लेजर हथियारों पर ज्‍यादा जोर दे रहा है. वहीं, भारत अपनी सैन्‍य ताकत में इजाफा करने के लिए अमेरिका से लेकर रूस तक से हथियार खरीद रहा है.

भारत की रणनीतिक स्थिति है काफी महत्‍वपूर्ण
जापान की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.3 अरब की आबादी वाले भारत का दक्षिण एशिया में काफी प्रभाव है. हिंद महासागर के मध्‍य होने के कारण भारत की रणनीतिक स्थिति बेहद महत्‍वपूर्ण है. भारत एशिया और प्रशांत सागर को जोड़ने वाले व्‍यापारिक मार्ग को जोड़ता है. भारत ने इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. इस समय पूरी दुनिया भारत की ओर उम्‍मीद भरी नजरों से देख रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की चीन से लगी सीमा का सीमांकन नहीं हुआ है. भारत में कई जातीय, धार्मिक, सांस्‍कृतिक, भाषाई समूह हैं. देश में नक्‍सली गतिविधियों को लेकर काफी चिंता बनी रहती है. भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर इस्‍लामिक आतंकवादी चिंता का सबसे बडा कारण बने हुए हैं. चीन और पाकिस्‍तान से घिरा भारत लगातार अपनी सेना को आधुनिक बनाने की दिशा में काम रहा है.

भारत अपनी सैन्‍य ताकत में इजाफा करने के लिए अमेरिका से लेकर रूस तक से हथियार खरीद रहा है.

वायुसेना-नौसेना के मामले में चीन ज्‍यादा ताकतवर
चीन और भारत की वायुसेना की ताकत की तुलना की जाए तो भारतीय वायुसेना में करीब 1.40 लाख सैनिक हैं. भारत के पास 1,700 एयरक्राफ्ट हैं. इसके अलावा 900 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भी हैं. भारत के पास दस C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट हैं जो एक बार में 4200-9000 किमी की दूरी तक 40-70 टन पेलोड ले जाने में सक्षम हैं. वहीं, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स दुनिया की दूसरी बड़ी वायुसेना है. चीनी वायुसेना में करीब 3.30 लाख सैनिक हैं. उसके पास 2,800 मेन स्ट्रीम एयरक्राफ्ट हैं. वहीं, 1900 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हैं. चीनी वायुसेना ने 192 आधुनिक लांचर बनाए हैं.

चीन के पास जमीन से हवा में मार करने वाली S-300 मिसाइल हैं. नौसेना के मामले में चीन के पास 1 युद्धपोत (Aircraft), 48 विमान वाहक युद्धपोत, 51 लड़ाकू युद्धपोत, 35 विध्वंसक युद्धपोत, 35 छोटे जंगी जहाज, 68 पनडुब्बियां, 220 गश्‍ती युद्धपोत और 714 समुद्री बेड़े हैं. वहीं, भारतीय नौसेना के पास 1 युद्धपोत, 18 विमान वाहक युद्धपोत, 15 लड़ाकू युद्धपोत, 10 विध्वंसक युद्धपोत, 20 छोटे जंगी जहाज, 14 पनडुब्बियां, 135 गश्‍ती युद्धपोत और 295 समुद्री बेड़े हैं.

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