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मोहन नगर थाना में युवक ने किया आत्महत्या का प्रयास

धारदार हथियार से स्वयं कर वार कर चाहा जिंदगी को समाप्त करना

भाई ने लगाया आरोप, कहा एएसआई भदौरिया मामला रफा दफा करने पांच लाख रूपये देने के लिए बना रहा था दबाव

दुर्ग। मोहन नगर थाना में आज एक युवक ने धारदार हथियार से स्वयं पर वार कर आत्महत्या करने का प्रयास किया जिससे युवक के गले व दोनों हाथो की कलाई में चोंटे आने से जिला अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। जहां उसकी हालत अब खतरे में बाहर बताई गई है। मोहन नगर पुलिस ने आत्मघाती कदम उठाने वाले युवक लक्ष्मीकांत ठाकुर 35 वर्ष पिता जी.एस. ठाकुर आर.के. फिटनेस के पास बोरसी निवासी को पुलिस ने धारा 386 कर्जा एक्ट के एक पुराने मामले में बुधवार की शाम हिरासत में लेकर अपने कस्टडी में रखी थी।

गुरुवार को पुलिस द्वारा न्यायालय में पेश करने की तैयारी थी। इसके पहले वह सुबह बाथरुम जाने के बहाने निकला और मोहन नगर पुलिस थाना के भीतर अपने शरीर पर धारदार वस्तु से वार कर खुद को जख्मी कर लिया। पुलिस कस्टडी में सामने आए इस घटना से पुलिस महकमें में हड़कंप का माहौल है। घटना की खबर पर दुर्ग सीएसपी विवेक शुक्ला, अजीत यादव, मोहन नगर थाना प्रभारी नरेश पटेल, कोतवाली थाना प्रभारी सुरेश बागड़े एवं अन्य अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे और घटना की वस्तुस्थिति से अवगत होकर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस घटना ने जहां पुलिस महकमें में हड़कंप मचा दिया है वहीं घायल युवक के परिजनों के आरोपों ने पुलिस के कार्यशैली पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।

घायल युवक लक्ष्मीकांत ठाकुर के बड़े भाई संतोष सिंह ठाकुर ने इस घटना के लिए मोहन नगर पुलिस थाना के एसआई एन.के. भदौरिया को जिम्मेदार बताया है। जिसकी संतोष ने पुलिस के उच्च अधिकारियों को शिकायत करते बताया कि मेरे छोटे भाई लक्ष्मीकांत ठाकुर ने सन् 2018 में स्मृतिनगर निवासी राहुल जावडे को 10 लाख की राशि उधार दी थी, लेकिन राहुल राशि वापस लौटाने में आनाकानी कर रहा था, तब लक्ष्मीकांत ने रकम वापसी के लिए दबाव बनाया तो राहुल ने मोहन नगर पुलिस थाना में अपराध दर्ज करवा दिया था। संतोष सिंह ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले को रफा-दफा करने मोहन नगर पुलिस थाना में पदस्थ एसआई एन.के. भदौरिया द्वारा लक्ष्मीकांत ठाकुर से 5 लाख की राशि की मांग की गई थी। पुलिस अधिकारी द्वारा लगातार राशि की मांग की जा रही थी।  राशि नहीं दिए जाने पर जानबूझकर केस को पेडिंग रखा गया था। जिससे लक्ष्मीकांत ठाकुर मानसिक रुप से प्रताडि़त हो रहा था। बुधवार की शाम लक्ष्मीकांत ठाकुर को पुलिस ने हिरासत में लेकर मोहन नगर पुलिस थाना के कस्टडी में रखा गया था। जहां पुलिस प्रताडऩा से मानसिक रुप से परेशान चल रहे लक्ष्मीकांत ठाकुर आत्मघाती कदम उठाने विवश हुआ। बड़े भाई संतोष सिंह ठाकुर ने उच्च अधिकारियों से घटना की जांच कर दोषी पर कार्यवाही करने की मांग की है।

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