वनोपज से आयेगी समृद्धि जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने लगाया मर्दापोटी में चौपाल कहा-वनों को बचायें तथा वनोपज से लाभ कमायें
सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
वनोपज से आयेगी समृद्धि
जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने लगाया मर्दापोटी में चौपाल
कहा-वनों को बचायें तथा वनोपज से लाभ कमायें
कांकेर- कांकेर विधानसभा के विधायक शिशुपाल शोरी, मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी, जिले के कलेक्टर के.एल. चौहान और वनमण्डाधिकारी अरविंद पी.एम. ने आज कांकेर तहसील के ग्राम मर्दापोटी में चौपाल लगाकर ग्रामीणों को वनों की सुरक्षा करने, उसे समृद्ध करने और वनोपज से आमदनी प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। वनोपज सहकारी समिति मर्दापोटी के अंतर्गत आने वाले ग्रामों-गढ़पिछवाड़ी, पथर्री, नवागांव-भावगीर, घोटिया, ईच्छापुर, आमाझोला, मर्दापोटी, ईरादाह, जिवलामारी, मलांजकुडूम, कलमुच्चे और मर्रापी के वनोपज सहकारी समिति के सदस्यों एवं ग्रामीणों को संबोधित करते हुये विधायक शिशुपाल शोरी एवं मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी ने कहा कि यह क्षेत्र वनों से आच्छादित एवं प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, जिसका संरक्षण करना और उसे बढ़ाना आवश्यक है। ग्रामीणों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि आज से कुछ साल पहले यह क्षेत्र घने वनो से घिरा हुआ था, शाम के समय गांवों के पास जंगली जानवर भी देखने को मिल जाते थे, जो अब विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम सब मिलकर वनों को बचायें तथा वनोपज से लाभ कमायें।
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में लगभग 18 करोड़ रूपये का वनोपज जैसे-आंवला, हर्रा, बेहड़ा, शहद, चार, गिलोय, माहूल पत्ता, हथजोड़, बायबिडिंग, बोदेल पलाश बेल, धंवई फूल, शतावर दसमूल कंद, भेलवा, कुल्लू, जामुन, ईमली इत्यादि प्रकार के वनोपज होता है, जो ग्रामीणों की आमदनी का बढिया साधन बन सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणजन अपने निजी भूमि
अथवा गांव के राजस्व भूमि या वन भूमि में हर्रा, बेहड़ा ईमली, चार, जामुन, महुआ, कुसुम, बेर, खम्हार, भेलवा, आंवला, सागौन, साल, बीजा आदि ऐसे पौधें को लगाये जो पहले बहुतायत मात्रा में पाये जाते थे, लेकिन अब विलुप्त या कम हो गये है, उनका वृक्षारोपण करें और उसे बचायें। बहुतायत मात्रा में वनोपज पाये जाने पर प्रसंस्करण की व्यवस्था होगी, जिससे ग्रामीणों को वनोपज से ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि आय के साधन बढेंगे तो लोग आत्म निर्भर होंगे और उनके जीवन में खुशहाली आयेगी। उनके द्वारा खेत के मेड में बेर(बोईर) पेड़ लगाकर उसमें लाख पालन करने की समझाईश भी ग्रामीणों को दिया गया।
कलेक्टर के.एल. चौहान ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुये कहा कि गांवों के संसाधन को बचायें, उसे समृद्ध करें और खुद भी समृद्ध बनें। गांव को हराभरा बनाये, इसके लिए जरूरी है कि हम वृक्षारोपण करें और उसका संरक्षण भी करें, वनोपज ग्रामीणों की आय का बहुत बड़ा जरिया बन सकता है। शासकीय योजनाओं से लाभ उठाने का अनुरोध भी उनके द्वारा ग्रामीणों से किया गया। ग्राम गढ़पिछवाडी के तुलाराम मरकाम ने भी ग्रामीणों को वनों की सुरक्षा करने और उसे आय का जरिया बनाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यदि हम ऐसा कर पाते हैं, तो हमें काम की तलाश में बाहर नहीं जाना पड़ेगा, गांव में ही रोजगार के साधन उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर सहभागी समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष बसंत यादव, जनपद सदस्य राजेश भास्कर, सरपंच मर्दापोटी श्रीमती गीता गावड़े, सरपंच ईरादाह दीपक नेताम, रमाशंकर दर्रो, तरेन्द्र भण्डारी, सरपंच ईच्छापुर श्रीमती प्रतिभा तेता, सरपंच नवागांव-भावगीर नरसू मण्डावी, सरपंच मरकेशरी श्रीमती ममता शेरवें, सरपंच गढ़पिछवाड़ी गोविन्द दर्रो, सहायक कलेक्टर सुश्री रेना जीमल, एसडीएम कांकेर उमाशंकर बंदे, अनुविभागीय अधिकारी वन मण्डावी, तहसीलदार कांकेर मनोज मरकाम भी मौजूद थे।
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