हाथरस: स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाह डॉक्टर को बचाने के लिए COVID-19 पीड़ित पर ही दर्ज कराया केस COVID-19 पीड़ित पर दर्ज कराया केस Corona पीड़ित पर ही दर्ज करा दिया मुकदमा|health department filed case against corona victim in Hathras nodtg | hathras – News in Hindi
डॉक्टर को बचाने के लिए Corona पीड़ित पर ही दर्ज करा दिया मुकदमा (फाइल फोटो)
न्यूज़ 18 ने जब इस संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से बात करनी चाही तो कैमरा देख कर वो बौखला उठे और ‘सब मनगढ़ंत कहानी है’ कहकर दफ्तर छोड़कर भागने लगे
बता दें कि हाथरस जिले में कैंसर पीड़ित मरीज के कोरोना पॉजिटिव निकलने के मामले में स्वास्थ्य विभाग अब खुद को बचाने की जुगत में जुटा है. यही वजह है कि एसीएमओ ने कैंसर पीड़ित और उसके बेटे के खिलाफ जानकारी छिपाने का मुकदमा दर्ज कराया है. दूसरी तरफ पीड़ित ने बेटे ने सबूत दिये कि उसने बीते 29 अप्रैल को डॉक्टर के मोबाइल पर रिपोर्ट भेजी थी. साथ ही सीएमओ और सीएमएस कार्यालय में इसकी सूचना भी दी थी लेकिन डॉक्टर खुद को बचाने के लिए उन्हें फंसा रहे हैं.
अस्पताल ने कीमोथेरेपी से किया इनकार
शहर के घंटाघर निवासी कैंसर पीड़ित का बेटा स्वास्थ्य विभाग के जुल्म से परेशान है. बेटे का दावा है कि 21 अप्रैल को वो अपने पेशेंट पिता को लेकर नोएडा के एक प्राइवेट अस्पताल पहुंचा था. यहां मरीज की कीमोथेरेपी करने से इनकार कर दिया गया. उन्होंने साफ कहा कि पहले कोरोना की जांच होगी उसके बाद ही उपचार होगा. लिहाजा वो 23 अप्रैल को जिला अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने सैंपल ले लिया और घर भेज दिया. 27 अप्रैल को जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी. उस रिपोर्ट को लेकर वो 28 अप्रैल को नोएडा के प्राइवेट अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उपचार करने से इनकार कर दिया. जिला अस्पताल की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया. लिहाजा नोएडा के डॉक्टरों ने अपने अस्पताल में कोरोना की जांच कराई और उन्हें घर वापस भेज दिया.Whatsapp पर भेजी रिपोर्ट
29 अप्रैल को अस्पताल के ई-मेल से कोरोनावायरस की रिपोर्ट आई. साथ ही अस्पताल की लैब से फोन कर के बताया गया कि उनके पिता पॉजिटिव है. कैंसर पीड़ित के बेटे का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने डॉ. पवन कुमार को फोन किया तो उन्होंने कहा कि वो अपने पिता को सीमेक्स स्कूल लेकर आएं. उन्होंने डॉक्टर के मोबाइल पर व्हाट्एसएप (Whatsapp) पर नोएडा अस्पताल की जांच रिपोर्ट को भेजा. दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे डॉक्टर ने रिपोर्ट को व्हाट्सएप पर देख भी लिया, उसके बाद वो अपने पिता को सीमेक्स स्कूल लेकर पहुंचे. वहां डॉक्टरों ने उनका सैंपल लिया और घर वापस जाने को कह दिया.
जेएन मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट पॉजिटिव
उन्होंने बताया कि एक मई को जेएन मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. इसलिए उन्होंने कहीं कोई जानकारी नहीं छिपाई है. सीएमओ ने अपने डॉक्टर को बचाने के लिए और अपनी कमी को छिपाने के लिए उनके और उनके पीड़ित पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. जब इस मामले में हाथरस के सीएमओ बृजेश राठौर से बात करने का प्रयास किया गया तो वो मीडिया का कैमरा देख कर बौखला उठे. उन्होंने अपनी कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि सब मनगढ़ंत कहानी है और कार्यालय छोड़ कर भागने लगे. इससे पहले दोपहर साढ़े 12 बजे जब सीएमओ से फोन पर बात की गई तो वो ड्यूटी छोड़कर अपनी कटिंग और शेविंग कराने में व्यस्त थे.
ये भी पढ़ें: सिगरेट का पैसा न देने पर सिपाही के बेटे ने युवक का सिर फोड़ा, बचाने आई बहन को भी पीटा
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए हाथरस से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: May 13, 2020, 4:59 PM IST