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PM मोदी ने GDP के 10% का पैकेज देकर भारत को US और जापान के बराबर खड़ा किया | Next Only to US and Japan PM Narendra Modi Latest Stimulus Package among Largest in the World | nation – News in Hindi

नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार शाम को राष्‍ट्र के नाम संबोधन में 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री ने बाताया कि इस पैकेज के तहत किसान, मध्यम वर्ग समेत सभी वर्गों की मदद के लिए है. इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को,आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपये का सपोर्ट मिलेगा. यह पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 फीसदी है. ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है.

आर्थिक पैकेज के मामले में भारत, अमेरिका और जापान को दे रहा टक्‍कर
इसके साथ ही भारत की ओर से जारी किया गया आर्थिक पैकेज अमेरिका और जापान को टक्‍कर दे रहा है. दरअसल, कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए अमेरिका ने अपनी जीडीपी का 13 फीसदी हिस्‍से के बराबर आर्थिक पैकेज की घोषणा की है जबकि जापान ने 21.1 फीसदी की घोषणा की है. पीएम मोदी के ऐलान के बाद अब स्‍पष्‍ट हो गया है कि पहले की घोषाणाओं के बाद अब 12 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त पैकेज दिया जाएगा.

सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये आर्थिक पैकेज में मार्च महीने में घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज भी शामिल है. उस समय जब सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की थी तो उसमें गरीबों के लिए मुफ्त राशन और गरीब महिलाओं और बुजुर्गों के लिए नकद सहायता की बात भी कही गई थी. मार्च अंत में ही रिजर्व बैंक ने भी बयाज दरों में कटौती की, विभिन्न क्षेत्रों के लिये नकदी बढ़ाने और उद्योग जगत के लिये किस्तों के भुगतान में तीन माह की राहत जैसे उपायों की घोषणा की गई. सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा अब तक घोषित ये सभी उपाय 6.5 लाख करोड़ रुपये के आसपास बैठते हैं जो कि जीडीपी का 3.2 प्रतिशत के करीब हैं. इसका मतलब सरकार 8.20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का पहले ही ऐलान कर चुकी है. जो जीडीपी का करीब 4 फीसदी है.इस पैकेज में पहले की घोषणाएं भी शामिल
मोदी ने मंगलवार को कहा, ‘भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की जा रही है.’ उन्होंने कहा कि सरकार की पहले की गई घोषणाओं और रिजर्व बैंक के निर्णयों को मिलकर यह पूरा पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का होगा जो कि भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है. उन्होंने कहा कि यह पैकेज भूमि, श्रम, तरलता और कानून पर केन्द्रित होगा और इससे कुटी उद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मझौले उद्यमों सहित मध्यम वर्ग और उद्योगों की जरूरतों को पूरा किया जायेगा.

प्रधानमंत्री ने हालांकि पैकेज का ब्यौरा नहीं दिया. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले कुछ दिन में प्रत्येक क्षेत्र को दिये गये पैकेज का ब्योरा उपलब्ध करायेगी. पिछले पैकेजे के आंकड़ों को देखते हुये ऐसा लगता है कि सरकार 12- 13 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि अर्थव्यवस्था में डालेगी. प्रधानमंत्री ने पैकेज के बारे में कुछ संकेत भी दिये. उन्होंने कहा कि पैकेज में छोटे उद्योगों को कर राहत, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने पर जोर होगा.

नया निवेश करने वाली कंपनियों को मिलेगी छूट
पैकेज में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, इलेक्ट्रानिक, दूरसंचार कलपुर्जो और पूंजीगत सामानों के क्षेत्र में एक न्यूतम सीमा से अधिक का नया निवेश करने वाली कंपनियों को पूरी तरह से कर छूट दी जा सकती है. ढांचागत क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहित करने के लिये भी पैकेज में नये उपाय घोषित किये जा सकते हैं. पैकेज में उद्योगों को निवेश के लिये भूमि उपलब्ध कराने, श्रम सुधारों के क्षेत्र में कदम बढ़ाने जैसे उपाय भी हो सकते हैं. चीन छोड़कर अन्यत्र जाने वाली कंपनियों को लुभाने के लिये यह घोषणा की जा सकती हैं.

इससे पहले घोषित प्रधानमंत्री गरीब कलयाण पैकेज में गरीबों को मुफ्त अनाज, महिलाओं और बुजुर्गों को उनके बैंक खाते में नकद राशि दी गई. कोविड- 19 के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में रहकर लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिये 50 लाख रुपये का बीमा कवर, तीन करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिब्यांगों को नकद राशि सहित कई राहतों की घोषणा की गई. यह पैकेज मार्च अंतिम सप्ताह में घोषित किया गया.

ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसके तहत अब तक 39 करोड़ लाभार्थियों को 34,800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है. वहीं अप्रैल माह के लिये 36 राज्यों संघ शासित प्रदेशों ने 67.65 लाख टन खाद्यान्न का उठाव किया है. इसमें 16 लाख टन खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है. इससे सभी राज्यों के 60.33 करोड़ लाभार्थियों का फायदा पहुंचा है.

(भाषा इनपुट के साथ)

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