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पुणे में उद्योग शुरू होने से ट्रेन से नहीं लौटे MP और उत्‍तराखंड के 380 प्रवासी मजदूर | 380 migrant workers not return to madhya pradesh and uttarakhand in trains due to work | nation – News in Hindi

पुणे में उद्योग शुरू होने से ट्रेन से नहीं लौटे MP और उत्‍तराखंड के 380 प्रवासी मजदूर

पुणे से नहीं लौटे मजदूर.

ट्रेन (Train) रवाना होते समय तक दौंद स्टेशन (Daund Station) पर 300 श्रमिक पहुंचे ही नहीं जिनमें अधिकतर एमआईडीसी इलाके में काम करते थे.

पुणे. पुणे (Pune) से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और उत्तराखंड (Uttarakhand) के लिए जाने वाली श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों (Shramik Special Trains) के लिए आवेदन करने के बावजूद 380 प्रवासी कामगारों ने रविवार को ट्रेन नही पकड़ी. स्थानीय अधिकारियों ने दावा किया कि क्षेत्र में कई उद्योगों के फिर से खुलने के कारण ये ‘सकारात्मक’ संकेत हैं.

एक अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश जाने के लिए 1172 लोगों को अनुमति मिली थी लेकिन रेलगाड़ी रवाना होते समय तक दौंद स्टेशन पर 300 श्रमिक पहुंचे ही नहीं जिनमें अधिकतर एमआईडीसी इलाके में काम करते थे. दौंद के तहसीलदार संजय पाटिल ने कहा, ‘इन लोगों ने दावा किया है कि वे यात्रा नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें यहां के एमआईडीसी इलाके में काम मिल रहा है. वहां की कंपनियां भी जानती हैं कि श्रमिकों के जाने से उन्हें दिक्कत आएगी, इसलिए उन्हें कुछ प्रोत्साहन राशि की पेशकश की गई है.

उन्होंने कहा कि सोमवार को उत्तराखंड के लिए रवाना हुई एक रेलगाड़ी में भी 80 मजदूर सवार होने नहीं आए और उनमें से सभी ने दावा किया कि उनके यहां काम शुरू हो गया है इसलिए उन्हें अपने गांव जाने की जरूरत नहीं है.

पुणे के जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने कहा, ‘वास्तव में यह सकारात्मक संकेत है. एमआईडीसी इलाके में उद्योगो को खोलना और गैर निषिद्ध क्षेत्रों में निर्माण कार्यों की इजाजत देने से श्रमिकों के बीच सकारात्मक माहौल बना है. इसलिए वे रूकने को प्राथमिकता दे रहे हैं.’पाटिल ने कहा कि अधिकारियों को ‘प्रतीक्षा सूची’ के लोगों को बुलाना पड़ा ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि रेलगाड़ियों को मंजूर क्षमता से कम पर नहीं चलना पड़े. मध्यप्रदेश की रेलगाड़ी में सवार नहीं होने वाले 300 मजदूरों में से एक ज्वाला प्रसाद ने कहा कि वह इसलिए रवाना नही हुए कि कुरमुख एमआईडीसी के संयंत्र में काम शुरू हो गया है जहां वह काम करता था. उसने कहा, ‘मैं यहां अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ दस वर्षों से रह रहा हूं. हमने श्रमिक विशेष रेलगाड़ी के लिए फॉर्म भी भरा लेकिन मेरी कंपनी में काम शुरू होने के कारण लौटने की योजना छोड़ दी.’

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First published: May 11, 2020, 7:49 PM IST



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