केन्द्र सरकार का मंशा हुआ साफ: करेगी बीएसएनएल को बंद या सौंपेगी कार्पोेरेट घराने को
ऑल यूनियन्स एंड एसोसिएशन बीएसएनएल अंतिम समय तक करेगी अंदोलन
दुर्ग। ऑल यूनियन्स एंड एसोसिएशन बीएसएनएल छ ग संयोजक आर एस भट्ट ने कहा है कि आखिर बीएसएनएल के प्रति सरकार का मंशा सामने आ ही गया। केन्द्र सरकार चाहती है कि इसे घाटा दिखाकर बीएसएनएल को बंद कर दिया जाये या किसी कार्पोरेट को बीएसएनएल के शेयर बडी संख्या में सौंप कर उस कार्पोरेट को बीएसएनएल के पार्टनर के रूप में शामिल कर लिया जाये। इसलिए ऑल यूनियन्स एंड एसोसिएशन बीएसएनएल इसका विरोध करती है। अब निर्णय बीएसएनएल कर्मचारियों को करना है लेकिन सरकार यह जान ले कि हम समर्पण नही करेंगे। हमने 18 वर्षों तक लगातार संघर्ष किया है, बीएसएनएल का 100 प्रतिशत सरकारी कंपनी के रूप में अस्तित्व बनाए रखा है। हम बीएसएनएल की रक्षा करने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे। श्री भट्ट ने कहा कि बीएसएनएल को बचाने आगामी 18 फरवरी से होने वाली 3 दिवसीय हड़ताल में बीएसएनएल कर्मी व अधिकारी आवश्यक रूप शामिल हो। सरकार को हमें दिखाना है कि हमें बीएसएनएल को ध्वस्त और धराशायी होते देखना स्वीकार्य नही है। बीएसएनएल को कमजोर करने के कुटिल खेल के खिलाफ हम अपनी पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे और बीएसएनएल को बंद होने या उसे कार्पोरेट घराने के हवाले होने से बचायेंगे।