COVID-19: अपनी परवाह न करते न हुए AIIMS डॉक्टर ने बचाई मरीज की जान । AIIMS doctor lifts PPE to save patient s life sent in 14-day isolation | nation – News in Hindi
AIIMS के वरिष्ठ रेजिडेंट को 14 दिनों के आइसोलेशन में भेज दिया गया है (सांकेतिक फोटो)
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के वरिष्ठ रेजीडेंट माजिद को फिलहाल एहतियात के तौर पर 14 दिन के पृथक-वास (Isolation) मे रहने की सलाह दी गई है.
ऐसा करके डॉक्टर (Doctor) ने अपनी सेहत और जीवन दोनों को खतरे में डाल लिया है. फिलहाल उन्हें एहतियात के तौर पर 14 दिन के पृथक-वास (Isolation) मे रहने की सलाह दी गई है.
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले हैं डॉक्टर
एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव श्रीनिवास राजकुमार टी. ने बताया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग जिले (Anantnag District) के रहने वाले डॉक्टर जाहिद अब्दुल माजीद को ऑक्सीजन सर्पोट पर चल रहे कोविड-19 के एक मरीज को एम्स ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में ले जाने के लिए बुलाया गया, उस वक्त वह अपना रोजा भी नहीं खोल पाए थे.’’ एम्स ट्रॉमा सेंटर को कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पताल बनाया गया है. यह घटना आठ मई की है.माजीद जब एम्बुलेंस के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और उन्हें संदेह हुआ कि ‘‘दुर्घटनावश मरीज को ऑक्सीजन (Oxygen) देने के लिए लगाया गया पाइप निकल गया है.’’
डॉक्टर ने की अपने संक्रमित होने की चिंता
माजीद ने कहा, ‘‘मैंने तुरंत उन्हें ऑक्सीजन सर्पोट पर डालने का फैसला लिया. एम्बुलेंस के भीतर पीपीई के अंदर से देखने में परेशानी हो रही थी, ऐसे में मैंने अपने चश्मे और चेहरे पर लगने वाला सीसे/प्लास्टिक के शील्ड को हटाने का फैसला लिया. फिर मैंने मरीज (Patient) को ऑक्सीजन लगाया क्योंकि जरा ही भी देरी से उसकी जान जा सकती थी.’’
राजकुमार ने बताया कि माजीद ने एक बार भी नहीं सोचा कि वह सीधे-सीधे कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित एक मरीज के संपर्क में आ रहा है और वह भी संक्रमित हो सकता है, उसने बस अपनी ड्यूटी की.
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First published: May 11, 2020, 12:12 AM IST