लॉकडाउन का असर: अप्रैल में ईंधन की मांग में ऐतिहासिक गिरावट, LPG की मांग बढ़ी – Lockdown impact on petroleum Fuel Demand Sees historic downfall in April LPG demand surges | business – News in Hindi

अप्रैल के अंत में मामूली तेजी रही
पिछले साल की तुलना में इस साल अप्रैल महीने में सरकारी तेल कंपनियों ने Gasoline और Gasoil में क्रमश: 61 फीसदी और 57 फीसदी कम बिक्री की है. हालांकि, महीने के अंत में इस सुधार भी देखने को मिलेगा, क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी को फिर से शुरू करने के लिए सरकार ने थोड़ी ढील दी है.
यह भी पढ़ें: कोरोना संकट में सरकार ले रही है 12 लाख करोड़ रुपये, जानिए क्या होगा आप पर असर?पिछले सप्ताह ही केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ाने का ऐलान किया था. हालांकि, हवाई उड़ान, रेल यात्रा, मेट्रो और अंतर-राज्यीय ट्रांसपोर्ट को अभी भी नहीं खोला गया है.
इस साल 5.5 फीसदी कम हो सकती है ईंधन की खपत
हाल ही में इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA – International Energy Association) ने अपनी एक रिपोर्ट में कि इस साल भारत में सालाना ईंधन की खपत में 5.5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिलेगी. इस एजेंसी ने मार्च की अपनी एक रिपोर्ट में यह 2.4 फीसदी गिरावट का ही अनुमान लगाया था.
LPG की मांग बढ़ी
अप्रैल माह के दौरान ट्रांसपोर्टेशन और कृषि जरूरतों के लिए इस्तेमाल होने वाले डीजल की मांग में 55.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. नैफ्था सेल्स में भी 9.5 फीसदी की गिरावट रही. हालांकि, कुकिंग गैस की सेल्स में 12.1 फीसदी की तेजी देखने को मिली. भारत में 90 फीसदी खुदरा ईंधन आउटलेट्स इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (HPCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) के पास है. ये तीनों सरकारी कंपनियां हैं.
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अप्रैल में 40 फीसदी घटा ईंधन का इस्तेमाल
पिछले साल की तुलना में अप्रैल के पहले पखवाड़े में सरकारी कंपनियों ने 21 फीसदी अधिक एलपीजी गैस की बिक्री की हैं. लॉकडाउन के ठीक बाद ही केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत उज्ज्वला स्कीम (Ujjwala Scheme) के तहत रजिस्टर्ड महिलाओं को तीन महीने तक मुफ्त एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराने का ऐलान किया था. रोड बनाने के लिए इस्तेमाल होने वोल अस्फ़ाल्ट (Bitumen) की बिक्री में 71 फीसदी की गिरावट आई है. अप्रैल में ईंधन का इस्तेमाल 40 फीसदी तक कम हुआ है.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि जैसे-जैसे सरकार आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जाएगा, वैसे-वैसे ईंधन की मांग में रिकवरी देखने को मिलेगी.
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पेट्रोलियम मंत्री ने क्या कहा?
प्रधान ने कहा, ‘निकट भविष्य में और भी गतिविधियां शुरू होंगे, मुझे उम्मीद है कि मांग में तेजी देखने को मिलेगी. हमने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जो टार्गेट प्लान किया था, उसे पूरा करने में कोई खास परेशानी नहीं होगी.’ उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के भाव में गिरावट के साथ घरेलू बाजार में मांग में कमी ने रिफाइनर्स के लिए इन्वेंट्री नुकसान को बढ़ा दिया है. लोकल मांग में कमी होने की वजह से रिफाइनर्स को कुछ कार्गो को निरस्त करना पड़ा है.
भारत में रिफाइन किए गए ईंधन में मुख्यत: पेट्रोल, डीजल, अस्फाल्ट और LPG गैस (Cooking Gas) का ही इस्तेमाल किया जाता है. प्रोविजनल इंडस्ट्रीज डेटा से पता चलता है कि अप्रैल के दौरान जेट ईंधन की मांग में 92 फीसदी की गिरावट आई है.
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