छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

भिलाई इस्पात संयंत्र की फ्लक्स खदानें बनी सेल संयंत्रों के लिए संकटमोचक

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र की फ्लक्स खदानों ने कोविड-19 के संकटकाल में भी अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है। भिलाई इस्पात संयंत्र की बिलासपुर एवं दुर्ग जिले में स्थित हिर्री एवं नंदिनी खदानों ने न केवल भिलाई इस्पात संयंत्र को फ्लक्स की आपूर्ति की बल्कि सेल के विभिन्न राज्यों में स्थित इस्पात संयंत्रों को भी फ्लक्स की निरंतर सप्लाई कर संकटमोचन का काम किया है।
ज्ञातव्य हो कि इन खदानों से इस्पात संयंत्रों को डोलोमाइट एवं लाइमस्टोन की आपूर्ति की जाती है। जिसका उपयोग लौह निर्माण प्रक्रिया में किया जाता है।
संकटकाल में की फ्लक्स की आपूर्ति की सुनिश्चित
बीएसपी के हिर्री एवं नंदिनी खदानों ने लॉकडाउन के बावजूद कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने अपने कार्यों के प्रति समर्पण दिखाते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र के साथ-साथ सेल के पश्चिम बंगाल स्थित आईएसपी-बर्नपुर, झारखंड स्थित बोकारो इस्पात संयंत्र तथा पश्चिम बंगाल स्थित डीएसपी-दुर्गापुर को फ्लक्स की आपूर्ति कर सम्पूर्ण सेल में स्टील उत्पादन की गति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बीएसपी की इन खदानों ने डोलोमाइट एवं लाइमस्टोन की कमी को पूरा कर अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहा है।
सेल के विभिन्न संयंत्रों के प्रचालन में भी दिया योगदान
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान हिर्री खदान से कुल 9 रैक डोलोमाईट की आपूर्ति सेल की सहयोगी इकाइयों को की गई। इसमें 5 रैक बर्नपुर स्थित सेल के इस्को संयत्र को, 3 रैक दुर्गापुर इस्पात संयंत्र को एवं 1 रैक बोकारो इस्पात संयंत्र को आपूर्ति कर स्टील उत्पादन में निरंतरता बनाये रखने में योगदान दिया। इसी दौरान नंदिनी खदान से भी एक रैक लाइमस्टोन की आपूर्ति बोकारो इस्पात संयंत्र को की गई। विदित हो कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा हाल ही में हिर्री खदान का लीज अवधि विस्तार वर्ष 2029 तक किया गया है।

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