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नासिक: कोरोना संक्रमण की चपेट में आए डॉक्टर को पड़ोसियों अपने ही घर में नहीं दी एंट्री | Nashik doctor tests positive but neighbours bar his entry | maharashtra – News in Hindi

नासिक: कोरोना संक्रमण की चपेट में आए डॉक्टर को पड़ोसियों अपने ही घर में नहीं दी एंट्री

नासिक में डॉक्टर हुए कोरोना संक्रमित

डॉ गांगुर्डे जब अस्पताल से संक्रमितों का इलाज कर घर लौटे तो उनके पड़ोसियों ने ताली बजा कर “कोरोना योद्धा” की तरह उनका स्वागत किया लेकिन जब उनमें संक्रमण के लक्षण दिखे इन्हीं पड़ोसियों ने उन्हें अपनी बिल्डिंग में घुसने से रोक दिया.

मुंबई. नासिक सिविल अस्पताल (Nashik Civil Hospital) में E&T सर्जन डॉ संजय गांगुर्डे (Dr Sanjay Gangurde) की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके पड़ोसियों ने उन्हें बिल्डिंग में आने से रोक दिया. डॉ गांगुर्डे में मंगलवार को कोरोना संक्रमण (Coronavirus) लक्षण दिखने के बाद डॉक्टर ने उन्हें घर में ही आइसोलेशन में रहने की सलाह दी थी. डॉ गांगुर्डे ने बताया कि कुछ दिन पहले जब अस्पताल से संक्रमितों का इलाज कर घर लौटे तो उनके पड़ोसियों ने ताली बजा कर “कोरोना योद्धा” की तरह उनका स्वागत किया लेकिन जब उनमें संक्रमण के लक्षण दिखे इन्हीं पड़ोसियों ने उन्हें अपनी बिल्डिंग में घुसने से रोक दिया.

डॉक्टर गंगापुर रोड, रुशराज हाय-उदय सोसायटी में रहते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार हल्के लक्षण दिखने पर अपने ही घर में अलग से रहने की सलाह दी गई है. लेकिन उनकी सोसाइटी समिति के सदस्यों ने आपस में बात कर उन्हें फोन किया कि वह घर वापस नहीं आए. वहां रहने के लिए मना कर दिया. इन लोगों से जब संपर्क किया गया तो समिति के लोगों ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

डॉक्टर ने बताया कि उनके पास नासिक सिविल अस्पताल में रहने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था. यह सिविल अस्पताल 100 बेड वाला COVID-19 उपचार केंद्र है. उन्होंने कहा कि कोई जगह नहीं होने के कारण मुझे स्टोर रूम में रहना पद रहा है. जबकि उनकी पत्नी, एक तहसीलदार बगल के कमरे में है, वह अपनी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. उन लोगों का खाने पीने का इंतजाम उनके दोस्त लोग कर रहें हैं.

ये भी पढ़ें : अनिवार्य अवकाश पर भेजे जाएंगे पालघर के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह: अनिल देशमुख“डॉक्टर ने कहा, ‘मैं सभी डॉक्टरों को मास्क और सैनिटाइटर वितरित करता था. खुद को अलग करने और देखभाल करने के लिए यहां कुछ सुविधाएं नहीं है. इस मामले में न तो अस्पताल प्रशासन, न नगर निगम और न ही पुलिस हस्तक्षेप करने को तैयार है. मेरी पत्नी बुरी तरह परेशान है.

जिला सिविल सर्जन डॉ. सुरेश जगदाले से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह क्वारंटाइन में नहीं है बल्कि एक सीओवीओ केयर सेंटर में है. उन्हें एक विशेष कमरे में रखा गया है स्टोर रूम में नहीं. मैं मानता हूं कि वहां सुविधाएं नहीं हैं जो आप किसी के घर पर उम्मीद कर सकते हैं. हम उन लोगों की पूरी देखभाल कर रहे हैं. इस अस्पताल के दो अन्य डॉक्टरों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है.

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First published: May 8, 2020, 7:02 AM IST



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