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प्रवासी मजदूरों की ट्रेन कैंसिल किए जाने पर येडियुरप्पा सरकार पर भड़का विपक्ष, गुस्से में मजदूर । No Bonded Labour: Oppn Hits out at BSY Govt Move to Cancel Trains for Migrants, Workers Unhappy | nation – News in Hindi

प्रवासी मजदूरों की ट्रेन कैंसिल किए जाने पर येडियुरप्पा सरकार पर भड़का विपक्ष, गुस्से में मजदूर

केरल से भुवनेश्वर जाने वाली एक स्पेशल श्रमिक ट्रेन में सवार प्रवासी मजदूर (फाइल फोटो)

सरकार के कदम की आलोचना करते हुए, कांग्रेस (Congress) ने कहा है कि वापस जाने या राज्य में रुकने का फैसला राज्य का नहीं बल्कि प्रवासी मजदूरों (Migrant Labours) का होना चाहिए और मजदूर, स्वास्थ्य या काम में से एक को चुनने के लिए स्वतंत्र होने चाहिए.

नई दिल्ली. कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘मध्यकालीन बर्बरता’ और ‘मजदूरों से बंधुआ जैसा बर्ताव’ करने का आरोप विपक्ष की ओर से लगाया गया है. ऐसा भारत के विभिन्न हिस्सों में जाने वाले प्रवासी मजदूरों (Migrant Labours) को अपने घर जाने से रोके जाने के राज्य के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए किया गया

दिन में इससे पहले कर्नाटक ने प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में ले जाने के लिए चलाई जाने वाली विशेष श्रमिक ट्रेनों (Special Shramik Trains) के लिए की गई मांग को वापस ले लिया था. ऐसा अपनी समस्याओं को लेकर बिल्डर्स के मुख्यमंत्री (Chief Minister) बीएस येडियुरप्पा (BS Yediyurappa) से मिलने के कुछ ही घंटों बाद किया गया था.

मुख्यमंत्री येडियुरप्पा ने मजदूरों से हाथ जोड़ घर न जाने की अपील की थी
इस हफ्ते इस तरह की दूसरी अपील में उन्होंने मजदूरों से कहा था, “मैं हाथ जोड़कर मजदूरों से निवेदन करता हूं.. अफवाहों (Rumors) पर ध्यान न दें. यह सरकार की जिम्मदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि आपको वहीं पर काम मिले, जहां आप पहले कर रहे थे…. जल्दबाजी में अपने घर जाने का फैसला न लें. यहीं रहें और पहले के जैसे काम करें.”हालांकि ज्यादातर मजदूर रुकने के मूड में नहीं हैं क्योंकि लॉकडाउन (Lockdown) ने उन्हें अन्य कई तरह से परेशान कर दिया है, और वे अपने घर जाना चाहते हैं.

कांग्रेस ने की आलोचना, कहा- मजदूर, स्वास्थ्य या काम में से एक को चुनने के लिए हों स्वतंत्र
सरकार के कदम की आलोचना करते हुए, कांग्रेस (Congress) ने कहा है कि वापस जाने या राज्य में रुकने का फैसला राज्य का नहीं बल्कि मजदूरों का होना चाहिए और मजदूर, स्वास्थ्य या काम में से एक को चुनने के लिए स्वतंत्र होने चाहिए.

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First published: May 6, 2020, 11:58 PM IST



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