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एक और आर्थिक आंकड़े में आई ऐतिहासिक गिरावट! देश का सर्विस PMI सबसे निचले स्तर पर-India Services PMI Indias service activity sinks at historic rate in April PMI at 5-4 Know Here | business – News in Hindi

नई दिल्ली. देश का सर्विस PMI रिकॉर्ड निचले स्तर 5.4 पर आ गया है. 14 साल पहले अप्रैल में जब सर्विस सेक्टर (Indian Economy Data) का डाटा कलेक्शन शुरू हुआ था, तब के बाद अब इसमें इतनी बड़ी कमी देखी गई है. IHS मार्किट इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अप्रैल 2020 में गिरकर 5.4 पर आ गई. मार्च में यह 49.3 थी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन की वजह से सर्विस सेक्टर में गिरावट आई है. जिसकी वजह से इसमें महीने-दर-महीने आधार पर 2005 के बाद इतनी बड़ी कमी आई है.

आपको बता दें कि पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्‍स (पीएमआई) मैन्‍युफैक्‍चरिंग और सर्विस सेक्‍टर की आर्थिक सेहत को मापने का एक इंडिकेटर है. इसके जरिए किसी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाता है.

पीएमआई सेवा क्षेत्र समेत निजी क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों पर आधारित होता है. इसमें शामिल तकरीबन सभी देशों की तुलना एक जैसे नियम से होती है. पीएमआई का मुख्‍य मकसद देश की आर्थिक स्थिति के बारे में सही जानकारी को आधिकारिक आंकड़ों से भी पहले उपलब्‍ध कराना है, जिससे अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में सटीक संकेत पहले ही मिल जाते हैं.

पीएमआई इन 5 चीजों पर आधारित होता है. इन पांच प्रमुख कारकों में नए ऑर्डर, इन्‍वेंटरी स्‍तर, प्रोडक्‍शन, सप्‍लाई डिलिवरी और रोजगार वातावरण शामिल हैं. मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में आई रिकॉर्ड गिरावट

अप्रैल में मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) रिकॉर्ड गिरावट के साथ 27. 4 पर आ गया है. मार्च 2005 के बाद यह सबसे निचला स्तर है.

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उस वक्त मैन्युफैक्चरिंग PMI की शुरुआत हुई थी. यानी PMI शुरू होने के बाद 15 साल में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट आई है. IHS मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI अप्रैल में घटकर 27.4 पर आ गया जो मार्च में 51.8 था.

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इससे आम आदमी पर क्या असर होगा-कई देशों के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों पर फैसला करने के लिए इस सूचकांक की मदद लेते हैं. क्योंकि अच्छे पीएमआई आंकड़े बताते हैं कि देश में आर्थिक हालात सुधर रहे हैं और अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ रही है, जिसकी वजह से कंपनियों को ज्यादा सामान बनाने के ऑर्डर मिलते हैं.

अगर कंपनियों का उत्पादन बढ़ता है तो लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं. इसका देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए अर्थशास्त्री भी पीएमआई आंकड़ों को मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ का अच्छा संकेतक मानते हैं.

वित्तीय बाजार में भूमिका वित्तीय बाजार में भी पीएआई की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि, परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स कंपनियों की आय का संकेत देता है.

इसी वजह से बांड बाजार और निवेशक दोनों ही इस सूचकांक पर नजर रखते हैं. इसके आधार पर ही निवेशक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं में निवेश करने का फैसला करते हैं.

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