मौसम में आये परिवर्तन के कारण चिल्फी का दृश्य और मनमोहक हो गया
सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ कवर्धा- प्राकृतिक सौन्दर्य से चिल्फीघाटी भरा पूरा व मनमोहक है। इसकी प्राकृतिक सौन्दर्यता लोगों को अपनी ओर सहज ही आकर्षित करती है। जिसे देखने देश-विदेश तक से सैलानी पहुंचते हैं। इस क्षेत्र में अनेक प्रकार के वन्य जीव निवास भी करते हैं। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और अचानकमार टाइगर रिजर्व के कॉरिडोर के रूप से भोरमदेव अभयारण्य में वन्य प्राणी विचरण करते नजर आ जाते हैं। इसके साथ ही विगत कुछ दिनों से मौसम में आये परिवर्तन के कारण चिल्फी का दृश्य और मनमोहक हो गया है। मौसम में हुए बदलाव से वनांचल क्षेत्र मे दो दिनों से शीतलहर चल रही है। रिमझिम बारिश के बाद शीतलहर से दो दिनों से वनांचल चिल्फी व आसपास के क्षेत्रों में रविवार सुबह खेत-खलिहान, घास-फूस व हरे पत्तों पर तापमान में गिरावट के चलते ओस की बूंदे जमकर सफेद चादर सी बिछ गई है। जो न्यूनतम पांच डिग्री व अधिकतम 15 डिग्री बना रहा। इस साल का यह तीसरा बर्फ जमने का नजारा देखा गया। बताना लाजमी है की दिसंबर और जनवरी में वनांचल में कड़ाके की ठण्ड पड़ती है। ऐसे में फरवरी के पहले सप्ताह में ही तीन बार शीतलहर के साथ कड़ाके की ठण्ड पड़ने के साथ ही रात में गिरी ओस की बूंदे बर्फ का रुप लेकर खेत-खलिहान, घास-फूस व हरे पत्तो में चादर सी बिछ जाती है। रविवार को कुछ इस तरह का नजारा देखने को मिला। नदी-नालों के किनारे गिरी ओस की बूंदे सूर्योदय के बाद वाष्प बनकर उड़ जाती है। बताया जाता है की पिछले 2-3 दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। ठण्ड पड़ने के साथ ही अंचल के लोग बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे है। वहीं दिनभर साल स्वेटर व जर्सी पहने दिखें।
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