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PAK की गोलाबारी में पिथौरागढ़ के दो जवान शहीद, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल|Two soldiers of Pithoragarh died in Rampur sector of Baramulla in Pakistan shelling nodtg | pithoragarh – News in Hindi

PAK की गोलाबारी में पिथौरागढ़ के दो जवान शहीद, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

शहीद जवान शंकर सिंह मेहरा (फाइल फोटो)

DM पिथौरागढ़ विजय जोगदंडे ने बताया कि दोनों जवानों के पार्थिव शरीर को रविवार को हेलीकॉप्टर की मदद से बरेली स्थित सेना मुख्यालय लाया जाएगा. उसके बाद अगर मौसम ठीक रहा तो हेली की ही मदद से पिथौरागढ़ ब्रिगेड हेडक्वार्टर लाया जाएगा.

(विजय उप्रेती)

पथौरागढ़. जहां पूरी दुनिया में विश्वव्यापी महामारी कोरोना का कहर जारी है, तो वहीं इस समय में भी पाकिस्तान (Pakistan) अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. शनिवार को एक बार पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के बारामुला स्थित रामपुर सेक्टर में सीजफायर (Ceasefire) का उल्लंघन कर गोलाबारी की, जिसमें बॉर्डर डिस्ट्रिक्ट पिथौरागढ़ के 2 जवान शहीद हो गये. दोनों शहीद जवान 21 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे. जवानों के पार्थिव शरीर को रविवार को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा.

शहीद जवान शंकर सिंह मेहरा (30) गंगोलीहाट तहसील के नाली गांव के रहने वाले थे. मेहरा सेना में नायक के पद पर तैनात थे. लंबी छुट्टी अपने घर में गुजारने के बाद मेहरा एक महीने पहले ही ड्यूटी पर गए थे. मेहरा अपने पीछे बूढ़े माता-पिता के अलावा पत्नी और 5 साल के छोटे बेटे को छोड़ गए हैं. शहीद शंकर सिंह के भाई भी जम्मू-कश्मीर में ही सेना में तैनात हैं.

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शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है (फाइल फोटो)

जबकि दूसरे शहीद जवान गोकर्ण सिंह (40) मुनस्यारी तहसील के नापड़ गांव के रहने वाले थे. गोकर्ण सेना में हवलदार के पद पर तैनात थे. गोकर्ण सिंह अपने पीछे पत्नी, बेटी और बेटे को छोड़ गए हैं. गोकर्ण का परिवार फिलहाल यूपी के बरेली में रहता है. शहीद गोकर्ण साल 2018 में अपने भाई की शादी में पैतृक गांव नापड़ आये थे.

हेलीकॉप्टर की मदद से लाए जाएंंगे पार्थिव शरीर
एक साथ जिले के दो जवानों के शहीद होने से क्षेत्र में कोहराम मचा हुआ है. परिजनों का जहां रो-रो कर बुरा हाल है, वहीं जानने वाले सांत्वना जताने शहीदों के परिजनों के पास जा रहे हैं. डीएम पिथौरागढ़ विजय जोगदंडे ने बताया कि दोनों जवानों के पार्थिव शरीर को रविवार को हेलीकॉप्टर की मदद से बरेली स्थित सेना मुख्यालय लाया जाएगा. उसके बाद अगर मौसम ठीक रहा तो हेली की ही मदद से पिथौरागढ़ ब्रिगेड हेडक्वार्टर लाया जाएगा. पिथौरागढ़ से सेना के वाहनों से शहीदों के पैतृक गांव पार्थिव शरीर को पहुंचाया जाएगा. दोनों जवानों को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने की तैयारी की जा रही है.

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First published: May 2, 2020, 5:31 PM IST



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