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*के एस के महानदी के 20 भूविस्थापितो को बहाल कराने जिला प्रशासन ने नही दिखायी रूचि – एच एस मिश्रा कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष एच एम एस यूनियन

*के एस के महानदी के 20 भूविस्थापितो को बहाल कराने जिला प्रशासन ने नही दिखायी रूचि – एच एस मिश्रा कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष एच एम एस यूनियन*सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

राष्ट्रिय ट्रेड यूनियन हिन्द मजदूर सभा छत्तीसगढ़ के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष एच एस मिश्रा ने आरोप लगाया है कि के एस के महानदी पावर कम्पनी लिमिटेड नरियरा के 20 भूविस्थापित श्रमिक नेताओ को झूठे अनर्गल केसों में फंसाया गया है ताकि मजदूरों का दमन किया जा सके उनके हक अधिकारों का शोषण किया जा सके जिन मजदूरों को नौकरी से बाहर किया गया है वह लोग लगातार 5 साल से सक्रियता के साथ आदर्श पुनर्वास नीति 2007 के तहत क्षेत्र में स्कूल हॉस्पिटल बिजली पानी सड़क तथा वेतन वृद्धि प्रमोशन समूह बीमा सहित कर्मचारी हित के विभिन्न मुद्दो के लिए जमीनी लड़ाई लड़ रहे थे जो के एस के प्रबन्धन को नागवार गुजरा और बदनियत पूर्वक मजदूरों का गला काटने के लिए कूटरचना करते हुए झूठे अनर्गल आरोप लगाकर पहले सभी मजदूरों को निलंबित किया गया फिर उसके बाद श्रम कानूनों की धज्जियाँ उड़ाते हुए बर्खास्त किया गया है।
लगभग 7-8 महीने से मजदूरों के द्वारा आंदोलन और पत्राचार किया जा रहा है फिर भी स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार का मदद मजदूरों को नही किया जा रहा है उल्टे कंपनी प्रबन्धन को मौन स्वीकृति देकर मनमानी करवाया जा रहा है, श्री मिश्रा ने आगे कहा है कि जिस विवाद को लेकर प्लांट को 17 सितम्बर 2019 को अवैधानिक तरीके से तालाबंदी की गयी थी जिसके फौरन बाद 18 सितम्बर को 2019 को श्रम पदाधिकारी कार्यालय में बैठक होता है और यह निर्णय होता है कि सारे विवादों को भुल कर प्लांट का संचालन अच्छे माहौल में सभी पक्ष मिल कर करेंगे तो मजदूरों को उस समझौते के बाद निलंबन करना श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन है हद तो तब हो जाती है जब इस मामले को आद्योगिक विवाद बनाकर मामले को श्रम न्यायालय भेज दिया गया है जहाँ यह मामला विचाराधीन है जिसकी सुनवाई भी शुरू नही हुआ है बावजूद इसके सभी भूविस्थापितो को बर्खास्त कर दिया जाता है फिर भी जिले के कलेक्टर और श्रम पदाधिकारी चुप बैठे है और मजदूरों के साथ हो रहे है अन्याय पर मौन स्वीकृति प्रदान करके उद्योगपतियों के हौसले बुलंद कर रहे है वर्तमान हालात ठीक नही है पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना से ग्रसित है इसके बाद भी कम्पनी प्रबन्धन और जिला प्रशासन में इंसानियत की कमी साफ दिखाई दे रहा है ये सभी मजदूर भूविस्थापित है कम से कम उनको गुजारा भत्ता दिया जाना था श्री मिश्रा ने आगे बताया कि जिस प्रकार का अन्याय इन भूविस्थापितो के साथ हो रहा है ऐसे में शासन प्रशासन से लोगो का भरोसा उठ जाएगा क्योकि इन मजदूरों के द्वारा ऐसा कोई मंत्री या अधिकारी नही बचा है जिससे गुहार नही लगाया हो अंत में थक हारकर महामहिम राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु माँगना सरकार के लिए चिंतनीय विषय है अंत में उन्होंने शासन प्रशासन से मांग किया है कि सभी भूविस्थापितो मजदूरों को बहाल कराने का प्रयास किया जाये।

 

 

 

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