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कांग्रेस नेता की रिहाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएं | Supreme Court denies release of Congress leader Sachin Chaudhary said go to Allahabad High Court | nation – News in Hindi

कांग्रेस नेता की रिहाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएं

जेल से कांग्रेस नेता की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा, इलाहाबाद हाईकोर्ट जायें (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कांग्रेसी नेता की रिहाई की मांग करने वाले उनके दो नाबालिग बच्चों से गुरुवार को कहा कि राहत के लिए उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट जाना होगा. इस नेता ने कथित रूप से बगैर किसी अनुमति के प्रेस कांफ्रेस की थी.

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोविड-19 महामारी से निबटने के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के काम करने के तरीके पर कथित रूप से सवाल उठाने को लेकर गिरफ्तार राज्य के कांग्रेसी नेता की रिहाई की मांग करने वाले उनके दो नाबालिग बच्चों से गुरुवार को कहा कि राहत के लिए उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट जाना होगा. इस नेता ने कथित रूप से बगैर किसी अनुमति के प्रेस कांफ्रेस की थी.

कांग्रेस के नेता सचिन चौधरी के खिलाफ 11 अप्रैल को अमरोहा पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं. इस नेता के दोनों नाबालिग बच्चों ने अपनी मां के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से याचिका पर सुनवाई की और उनकी ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद को राहत के लिए उच्च न्यायालय जाने का सुझाव दिया.

कांग्रेस नेता के नाबालिग बच्चों ने वापिस ली याचिका

इस पर खुर्शीद ने कहा कि वह याचिका वापस ले लेंगे और उच्च न्यायालय जाने की छूट चाहेंगे. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘तद्नुसार, याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए इसे खारिज किया जाता है और उपरोक्त छूट प्रदान की जाती है. हम उच्च न्यायालय से अनुरोध करते हैं कि इस मामले को कानून के अनुसार यथाशीघ्र निबटाया जाये.’प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की वजह से किए गए थे गिरफ्तार

कांग्रेस नेता के दो और सात साल के बच्चों ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके पिता ने लॉकडाउन की वजह से शहरों से अपने गांव जा रहे कामगारों को दिल्ली-मुरादाबाद राजमार्ग के निकट भोजन और दूसरी जरूरी चीजें मुहैया करायी थीं. इन बच्चों ने याचिका में कहा था कि कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में राज्य में किये जा रहे उपायों की खामियों को उजागर करने के लिये प्रेस कांफ्रेंस करने की वजह से उनके पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी और बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

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First published: April 30, 2020, 6:28 PM IST



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