लोक सेवा केन्द्रों के आपरेटरों ने की आर्थिक सहायता की मांग

भिलाई। कोरोना वायरस महामारी के लॉकडाउन से पूरे विश्व प्रभावित हुए है। जिससे हमारे देश के साथ साथ छत्तीसगढ़ के निम्न से उच्च वर्ग प्रभावित हुए है। इस आपदा से भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा सभी नागरिकों एवं कर्मचारियों के लिए अनेक प्रकार की योजना बनाकर सहयोग प्रदान किये जा रहे है लेकिन छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी विभाग के अतंर्गत लोक सेवा केन्द्र आपरेटर जो कि लगभग 550 की संख्या में पूरे प्रदेश के उप तहसील, तहसली, कलेक्ट्रेड, नगर निगम, नगर पंचायत जैसे महत्वपूर्ण कार्यालयों में कमीशन दर पर अप्रेल 2014 से कार्यरत हैं और पूरी ईमानदारी से लगभग 150 सेवाएं लोक सेवा गांरटी के तहत पूरे छत्तीसगढ़ में सभी आपरेटर अपनी सेवाऐं दे रहें हैं, वे आर्थिक सहायता की मांग की है।
वर्तमनान लॉकडाउन के कारण हम लोक सेवा केन्द्र आपरेटरों को अपने परिवार का भरण पोषण के संकट का सामना करना पड़ रहा है और इनके आय का एक मात्र साधन कमीशन ही है। इनके अलावा अन्य कोई मानदेय या भत्ता सरकार द्वारा हम लोक सेवा केन्द्र आपरेटरों को कभी नहीं दिया गया है। इस विषम परिस्थिति से ये लोग भी आर्थिक रूप से अपने हालात से जुझ रहें हैं और लोक सेवा केन्द्र ग्रामीण के अंतर्गत अमूनन प्रमाण पत्र आय. जाति, निवास के ही बनाए जाते है। इसके अतिरिक्त अन्य सेवाएं ग्रामीण स्तर पर 5 से 10 प्रतिशत ही है। प्राय: प्रदेश के लोग आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र स्कूल या कालेज के प्रारंभ होने पर ही बनता है। चुंकि अभी शिक्षण संस्थान के प्रारंभ होने में 2 से 3 महिने लग सकते हैं। अत: ऐसी स्थिति में लोक सेवा केन्द आपरेटर की आय शुन्य होती नजर आ रही है। ऐसे में समस्त लोक सेवा केन्द्र आपरेटर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से निवेदन किया है कि समस्त लोक सेवा केन्द्र आपरेटरों के परिवार की इस लॉकडाउन के कारण जो आर्थिक संकट का सामना कर रहें हैं लगभग 550 आपरेटर पूरे छत्तीसगढ़ में प्रभावित हुए हैं। वे सरकार से आर्थिक सहायता राशि की मांग कर रहें है। जिनसे इस विपदा में उनके भी परिवार को संबल मिल सके।