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बसों से लोगों को घर भेजने का 7 राज्‍यों ने किया विरोध, कहा- इसमें महीनों लगेंगे, ट्रेन चलाएं | 7 states opposes government plan to send back people by buses demands run trains covid 19 lockdown | nation – News in Hindi

बसों से लोगों को घर भेजने का 7 राज्‍यों ने किया विरोध, कहा- इसमें महीनों लगेंगे, ट्रेन चलाएं

गृह मंत्रालय ने लोगों को बसों से भेजने का दिया है निर्देश.

इन राज्‍यों का कहना है कि लोगों को बसों (Bus) से घर भेजने का फैसला अव्‍यवहारिक है. राज्‍यों ने विशेष ट्रेनें (Special Trains) चलाकर लोगों को घर भेजने की मांग की है.

नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार ने बुधवार को लॉकडाउन (Lockdown) के कारण देश के अलग-अलग हिस्‍सों में फंसे लोगों को घर भेजने संबंधी अहम फैसला लिया था. सरकार ने राज्‍यों से कहा था कि फंसे हुए लोगों को बसों (bus) के जरिये उनके गंतव्‍य स्‍थान तक भेजे जाने की व्‍यवस्‍था करें. अब 7 राज्‍यों ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. इन राज्‍यों का कहना है कि लोगों को बसों से घर भेजने का फैसला अव्‍यवहारिक है. इस प्रक्रिया में महीनों लग जाएंगे. राज्‍यों ने विशेष ट्रेनें चलाकर लोगों को घर भेजने की मांग की है.

गृह मंत्रालय ने बुधवार को लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर भेजने के लिए गाइडलाइंस जारी की थीं. लोगों को बसों से घर भेजने के सरकार के फैसले का विरोध तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान, पंजाब और बिहार ने किया है.

यह मामला कैबिनेट सचिव के साथ सभी राज्‍यों के प्रमुख सचिवों की बैठक में भी उछला. इस पर कहा गया कि सरकार मामले पर गौर करेगी. सबसे पहले सरकार के फैसले का विरोध केरल सरकार ने किया था. उसने कहा था कि लोगों को घर भेजने के लिए विशेष नॉन स्‍टॉप ट्रेनें चलाई जाएं.

केरल सरकार ने कहा था कि दूसरे राज्‍यों में जाने वालों की संख्‍या कहीं अधिक है. बसों से यह यात्रा काफी लंबी होगी. ऐसे में कोविड 19 संक्रमण फैसने का खतरा रहेगा.वहीं तेलंगाना के मंत्री तालासानी श्रीनिवास यादव ने भी ट्रेन चलाने की मांग की है. गुरुवार को उन्‍होंने कहा, ‘लॉकडाउन के कारण विभिन्‍न राज्‍यों में करीब 2 करोड़ लोग फंसे हुए हैं. केंद्र सरकार की गाइडलाइंस ठीक नहीं हैं. लोग इतनी गर्मी में 3 से 4 दिन कैसे बस में सफर कर पाएंगे. बसों की तुलना में ट्रेन बेहतर विकल्‍प है.’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इन लाखों प्रवासी कर्मियों एवं श्रमिकों के सुरक्षित आवागमन के लिए केन्द्र सरकार को बिना किसी देरी के विशेष ट्रेनों का संचालन प्रारंभ करना चाहिए.

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि अकेले पंजाब में ही करीब 7 लाख प्रवासी मजदूर हैं. पूरे पंजाब में इनकी संख्‍या लाखों में है. इनमें से अधिकांश बिहार के रहने वाले हैं. अगर सभी की मेडिकल जांच करके उन्‍हें बसों से भेजा जाएग तो बहुत समय लगेगा. इसके लिए ट्रेन अच्‍छा विकल्‍प है.

बिहार के उप मुख्‍यमंत्री सुशील मोदी ने दावा किया कि बसों की क्षमता और सड़क मार्ग को देखते हुए इस प्रक्रिया में महीनों का समय लगेगा. उन्‍होंने कहा कि सरकार को इसके लिए नॉन स्‍टॉप स्‍पेशल ट्रेनें चलाई जानी चाहिए.

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First published: April 30, 2020, 9:20 PM IST



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