कपडे व किराने के फुटकर व्यापारियों पर आर्थिक संकट, हाट-बाजारों में दुकान लगाने की मांगी अनुमति
सबका संदेश, कोंडागाँव। जिले के कपडे व किराने के फुटकर व्यापारियों द्वारा कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व अनुविभागीय अधिकारी (रा) कोण्डागांव को लिखित में आवेदन देकर हाट-बाजारों में दुकान लगाने की अनुमति प्रदान करने की मांग करने की है।
ऐसे फुटकर व्यापारियों ने तर्क दिया है कि वे भी शाक-सब्जी की लगाई जा रही दुकानों की तरह ही अपनी दुकानें लाॅकडाउन के नियमों का पालन करते हुए लगाएंगे। उन्होंने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि वे सभी जिला मुख्यालय कोण्डागांव नगर के निवासी हैं और गांवों के हाट-बाजारों में कपडे व किराने का फुटकर दुकान लगाकर अपना व अपने परिवार का जीवनयापन करते हैं। देश सहित जिले में लाॅकडाउन होने के कारण ये छोटे छोटे व्यपारी अपना पिछले कई दिनों से अपना व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं, जिस वजह से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि उन फुटकर विक्रेताओं के पास अपने स्थाई दुकान नहीं हैं, इसलिए लाॅकडाउन के दौरान उनकी कमाई पूरी तरह से ठप्प पड़ चुकी है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह भी अवगत कराया है कि गावों में लगाए जा रहे शाक-सब्जी की दुकानों की तरह ही वे भी अपनी दुकानें सीमित समय के लिए लगाना चाहते हैं, ताकि उनकी रोजी रोटी भी चलती रहे।
कन्हैयालाल, प्रेमराज, विजय, देउ, मंजीत सिंह, मंदीप, संजय, पवन, दीपक, मोहन, दिनेष, बबलू, छोटेलाल, माधव, कमलेष, उत्तरा, संगीता, दिलीप, आषिष, विक्की, नवीन आदि फुटकर विक्रेताओं द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन संबंधित अधिकारियों को सौंपा गया है। वहीं उक्त फुटकर विक्रेताओं ने प्रेस को जानकारी दी कि उनकी भी स्थिति वैसी ही है, जैसे कि एक मजदुर और किसान की कमाई तभी तक होती है, जब तक वे काम करते हैं, वैसे ही फुटकर व्यापारी भी तभी कुछ कमा पाते हैं जब वे हाट-बाजार में जाकर विभिन्न वस्तुओं की फुटकर दुकानें लगाते हैं। यदि उन्हें हाट-बाजारों में दुकान लगाने की अनुमति नहीं मिली तो आगामी दिनों में उनका और उन पर आश्रित जनों का जीवनयापन मुश्किल हो जाएगा।