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तब्लीगी जमात की छवि बदलने की कोशिश, कोविड-19 से उबरे सदस्यों को प्लाज्मा दान करने को कहा । Tablighi Jamaat Asks its Coronavirus-cured Members to Donate Blood Plasma and Shed Villain Tag | nation – News in Hindi

तब्लीगी जमात की छवि बदलने की कोशिश, कोविड-19 से उबरे सदस्यों को प्लाज्मा दान करने को कहा

नई दिल्ली में तब्लीगी जमात के कार्यकर्ता (फोटो- Reuters)

राज्य के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने प्लाज्मा देने के लिए संक्रमण से ठीक हो चुके तबलीगी जमातियों (Tablighi Jamaat Members) से संपर्क किया था और वे मौजूदा वक्त में इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिये अपना प्लाज्मा देने को तैयार थे.

लखनऊ. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के नए दिशा निर्देशों (New Guidelines) के बाद उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग (UP Health Department) ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) को मात देने वाले तमाम तबलीगी जमातियों (Tablighi Jamaat Members) की प्लाज्मा दान (Plasma Donaltion) करने की पेशकश पर फिलहाल आगे की कार्रवाई को रोक दिया है.

राज्य के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने प्लाज्मा देने के लिए संक्रमण से ठीक हो चुके तबलीगी जमातियों (Tablighi Jamaat Members) से संपर्क किया था और वे मौजूदा वक्त में इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिये अपना प्लाज्मा देने को तैयार थे. मगर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को दिए गए दिशा निर्देशों के बाद फिलहाल इसे रोक दिया गया है.

कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरे जमातियों से साद ने की थी प्लाज्मा दान करने की अपील
निजामुद्दीन मरकज की लखनऊ स्थित शाखा के प्रबन्धक मौलाना अनीस अहमद नदवी ने बुधवार को बताया ‘‘मरकज के मुख्य कर्ताधर्ता मौलाना साद कांधलवी ने गत 21 अप्रैल को देश के सभी जमातियों को लिखे खुले पत्र में कहा था कि जो जमाती कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर चुके हैं वे अन्य संक्रमितों की मदद के लिये अपना प्लाज्मा दान करें. ’’ उन्होंने बताया ‘‘स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आये लोगों में से करीब आधे लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं. इनमें से जो जमाती स्वस्थ चुके हैं, उनसे सम्पर्क किया गया है. वे सभी अपना प्लाज्मा देने को तैयार हैं.’’स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के बाद फिलहाल रोका गया यह कदम

इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के संचारी रोग सर्विलांस कार्यक्रम (Communicable Disease Surveillance Program) के संयुक्त निदेशक डॉक्टर विकासेन्दु अग्रवाल ने बताया कि प्लाज्मा देने के लिये अन्य लोगों के साथ-साथ जमातियों से भी सम्पर्क किया गया था. वे सभी अपना प्लाज्मा देने के लिए तैयार हैं.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Department) के दिशा निर्देश के बाद ठीक हुए रोगियों से संपर्क करने का काम फिलहाल रोक दिया गया है. इस सिलसिले में केजीएमयू जो फैसला लेगा उसके आधार पर आगे काम किया जाएगा.

प्लाज्मा देकर जमाती नहीं कर रहे अहसान, यह इंसानियत का तकाजा: नदवी
नदवी ने कहा ‘‘प्लाज्मा (Plasma) देकर जमाती किसी तरह का एहसान नहीं कर रहे हैं. यह इंसानियत का तकाजा है. कोई भी इंसान किसी जानलेवा बीमारी को खुद नहीं ओढ़ता. लगभग सभी मुल्क और उन में रहने वाले लोग इस बीमारी की मारक क्षमता को लेकर मुगालते में रहे.’’

मालूम हो कि कोरोना संक्रमण के इलाज के लिहाज से ‘प्लाज्मा थेरेपी’ ने आशा की किरण दिखाई है. लखनऊ का किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने वाला राज्य का पहला संस्थान भी बन गया है.

केजीएमयू में भर्ती करीब 28 जमाती प्लाज्मा दान करने को तैयार
हालांकि इसी बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी अभी प्रायोगिक दौर में है और इसे कोविड-19 के इलाज के तौर पर कोई प्रामाणिकता हासिल नहीं है, मगर इस संक्रमण से उबर चुके लोगों के प्लाज्मा में विकसित हुए एंटीबॉडीज (Antibodies) के, संक्रमित लोगों पर अच्छे नतीजे सामने आये हैं.

लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर नरेन्द्र अग्रवाल ने भी बताया ‘‘राजधानी स्थित केजीएमयू (KGMU) में भर्ती हुए करीब 28 जमातियों से प्लाज्मा दान करने के लिये सम्पर्क किया गया था. वे सभी इसके लिये तैयार हैं.’’

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस: देश में 11.3 दिन में दोगुने हो रहे केस, 3% लोगों की हो रही मौत

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First published: April 29, 2020, 8:52 PM IST



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