कंगला मांझी के गांव बघमार में सम्मानित हुए चार विशिष्ट साधक
भिलाई। क्रांतिकारी आदिवासी जननायक कंगला मांझी के गांव बघमार में गत दिवस विराट वैचारिक एवं सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ । इस समारोह के मुख्य अतिथि हलबा हलबी समाज के छत्तीसगढ़ अध्यक्ष श्री बी.एल. ठाकुर थे । कृषि विभाग के निदेशक एस.आर. वर्मा समारोह के अध्यक्ष थे। इस अवसर पर राजमाता फुलवा देवी, गुरूघासीदास शंघपीठ के अध्यक्ष डॉ. जे.आर. सोनी, छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा भाषासेवी नंदकिशओर शुक्ल, मुनीलाल निषाद, दीपक सरकार, श्रीमती सरला शर्मा, अरूण निगम, दिलीप बाफना, श्रीमती लता राठौर , मारीशस से पधारे मृत्युंजय कुमार झा समारोह के विशेष अतिथि थे। उन्होंने कार्यक्रम को प्रेरक बताया ।
इस समारोह में अंबिकापुर के ए.पी. सांडिल्य को कंगला मांझी सम्मान, बेमेतरा के दिनेश गौतम को नारायण लाल परमार सम्मान, राजनांदगांव के गजेन्द्र झा को शहीद दुर्वाशा लाल निषाद सम्मान तथा कबीरधाम बैजलपुर के पाठक परदेशी को कोदूराम वर्मा सम्मान प्रदान किया गया । अगासदिया के अध्यक्ष साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा द्वारा संपादित अगासदिया कंगला मांझी विशेषांक का वितरण किया गया । इस विशेषांक का विमोचन छत्तीसगढ़ के कांग्रेसाध्यक्ष भूपेश बघल ने किया । डॉ. परदेशीराम वर्मा ने कहा कि कंगला मांझी के गांव में छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों का सम्मान प्रतिवर्ष ह¨ता है । कंगला मांझी सभी समाज के लिए काम करते हुए छत्तीसगढ़ में एकता का प्रयास करते रहे । उन्होंने छत्तीसगढ़ भाषा के लिए काम किया । उनके अनुशासित सैनिक बिना लाभ के सेवा करते हैं । इन सैनिकों को विशेष दर्जा देकर ग्राम सहयोगी के रूप में शासकीय अनुदान दिया जाना चाहिए । ये शांति के दूत हैं । ये गांव में भरोसेमंद सेवक माने जाते हैं । सभा को सम्बंधित करते हुए मुख्य अतिथि बी.एल. ठाकुर ने कहा कि समय कठिन है । कंगला मांझी की परंपरा का विकास जरूरी है वर्ना आदिवासी समाज संकट में पड़ जायेगा । अलग अलग खेमों के आदिवासी एक मंच पर आयेंगे तब आवाज बुलंद होगी । कमल वर्मा ने कहा कि नई सरकार से हम आर्थिक मदद के लिए आग्रह करेंगे । सालिकराम वर्मा ने सम्मानित व्यक्तित्व का परिचय दिया ।
सरला शर्मा, बी.एल. कुर्रे, लता राठौर, नंदकिशोर शुक्ल मृत्युंजय झा तथा सम्मानित व्यक्तियों ने विचार व्यक्त किया । बंद्रीविशाल पारकर, बोधनी बाई निषाद, जी.आर. बघमार, संजीत तिवारी, जाकिर हुसैन, पूनम मिश्रा, अरूण वर्मा, सरोज ठाकुर, जितेन्द्र साहू, प्रदीप वर्मा, रामसेवक वर्मा, बुलाकी वर्मा, श्रीमती मधु वर्मा, स्मिता, यमुनोत्री, श्रीमती उषा वर्मा, मुकेश ठाकुर, रामप्रसाद श्रीमती सोना झा, आर.एस.सोरी, एम.आर. नेताम सहित सात विभिन्न प्रान्तों के हजारो मांझी सैनिक उपस्थित थे । कलाकार नारायण चंद्राकर के दल ने आल्हा गायन के माध्यम से कंगला मांझी का जीवन चरित्र मंच पर प्रस्तुत किया । सुभाष बेलचंदन, जितेन्द्र साहू, अशोक निषाद, राधेश्याम बघेल, जनताराम, मोरध्वज, चिलमगोटा का आल्हा गायक दल आसाम में आमंत्रित है यह नारायण चंद्राकर ने बताया । कुरूटोला से आये आदिवासियों के दल ने करमा नृत्य प्रस्तुत किया । सैनिकों के कमाण्डर कुंभदेव कांगे ने आभार व्यक्त किया ।