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lockdown in india The man reached Shrawasti from Mumbai on foot for 14 day died | 14 दिन तक पैदल चल कर मुंबई से श्रावस्ती पहुंचा शख्स, थोड़ी देर बाद हुई मौत;, पत्नी ने बताया- बिस्किट खाकर जिन्दा थे | nation – News in Hindi

14 दिन तक पैदल चल कर मुंबई से श्रावस्ती पहुंचा शख्स, थोड़ी देर बाद हुई मौत; पत्नी ने बताया- बिस्किट खाकर जिंदा थे

अली ने बताया था कि वह बस बिस्किट खाकर सफर तय कर रहे हैं. (AP Photo/Channi Anand)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) स्थित श्रावस्ती (Shrawasti ) के निवासी इंसाफ अली की पत्नी सलमा बेगम और उनके रिश्तेदारों को अभी तक इसका अंदाजा नहीं लग पाया है कि आखिर मौत हुई कैसे?

श्रावस्ती. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) स्थित श्रावस्ती (Shrawasti) के रहने वाले इंसाफ अली ने सोचा था कि घर पहुंच कर वह आराम से रहेंगे. उनका खयाल था कि घर पर कम से कम खाने की दिक्कत तो नहीं ही होगी, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. 14 दिन तक पैदल चल कर मुंबई से 1500 किलोमीटर का सफर करके अली अपने घर तो पहुंचे, लेकिन चार घंटे बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया. 35 साल के अली जिला स्थित मटखनवा गांव के निवासी थे. 27 अप्रैल यानी सोमवार को पहुंचने के बाद उनकी मौत हो गई. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मुंबई (Mumbai) में राज मिस्त्री का काम करने वाले अली का पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाया, क्योंकि अस्पताल को उनके कोरोना टेस्ट की फाइनल रिपोर्ट का इंताजर था. पोस्टमार्टम तभी होगा जब रिजल्ट निगेटिव आएगा.

अली की पत्नी सलमा बेगम और उनके रिश्तेदारों को अभी तक इसका अंदाजा नहीं लग पाया है कि आखिर मौत हुई कैसे? परिजनों की मानें तो फोन पर बातचीत के दौरान अली ने बताया था कि वह बिस्किट खाकर अपना सफर तय कर रहे हैं.

दो भाई पंजाब में फंसे
अली के आखिरी वक्त में भी उन्हें ना देख पाने वाली सलमा बताती हैं कि वह अपने छह वर्षीय बेटे इरफान के साथ मायके में थीं. जब तक वह वापस आईं तब तक शव को अस्पताल लेकर चले गए थे. अली के दो अन्य भाई भी मजदूर हैं, जो लॉकडाउन के चलते पंजाब में फंसे हैं.रिपोर्ट के अनुसार, सलमा ने बताया कि अली 13 अप्रैल को ही मुंबई से निकले थे और बताया कि उनके पास पैसे नहीं हैं. उन्हें काम नहीं मिल रहा था. वह गांव आते तो कम से कम आस-पड़ोस में कुछ ना कुछ हो ही जाता.

बकौल सलमा, सफर के दौरान अली उन्हें फोन कर रहे थे. वह 10 लोगों के साथ झांसी में एक ट्रक में छिपे ताकि उन्हें पुलिस का सामना ना करना पड़े, जिसके लिए उन्होंने ड्राइवर को 3,000 रुपये भी दिये. वहां से वह बहराइच तक पैदल आए और फिर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. उनसे कहा गया कि वह वापस जाएं. किसी तरह से घर तक पहुंचे. उनका फोन बंद हो गया था, इसलिए बात नहीं हो पा रही थी. यहां पहुंच कर उन्होंने फोन किया कि मैं वापस मटखनवा आ जाऊं.

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First published: April 29, 2020, 10:08 AM IST



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